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स्वास्थ्य सेमिनार में डॉ. मोहित ने हड्डियों की बीमारी के उपचार की जानकारी दी


खबर - हिमांशु मिढ़ा
ग्रीन वल्र्ड होटल में आयोजित सेमिनार में शहर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया
70 वर्षीय महिला ने अपने अनुभव बताये
हनुमानगढ़।
आगरा से प्रशिक्षित अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित कुमार चाचाण ने ग्रीन वल्र्ड होटल में एसआरएल डायग्रोस्टिक (रैनबैक्सी लैब) द्वारा आयोजित स्वास्थ्य सेमिनार का आयोजन कर विटामिन डी की कमी से होने वाले रोगों के लक्षणों व उपचार की जानकारी दी। आयोजक ओमप्रकाश स्वामी ने विटामिन डी की कमी से होने वाले विभिन्न तरह के रोगों के बारे में उपस्थित जन समूह को विस्तार से बताते हुए शरीर में विटामिन डी की पूर्ति करने के उपाय भी बताये। डॉ. मोहित ने बताया कि दवाईयों के अलावा भी खाद्य पदार्थो में अण्डा, मांस, दूध, पनीर आदि के सेवन से विटामिन डी की पूर्ति हो सकती है। हर व्यक्ति को विटामिन डी की पूर्ति करने के लिए रोजाना 20 मिनट सूर्य की किरणों का सेवन करना चाहिए। उन्होने बताया कि वर्तमान जीवन पद्धति में अधिकतर लोग सूर्य की धूप से भी वंचित रह रहे है। बड़े विकसित शहरों में धूप का सेवन नही करने के कारण विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हनुमानगढ़ जैसे छोटे शहरों में भी आरामपरस्त जीवन जीने वाले लोग धूप का सेवन नही कर रहे इस वजह से हड्डियों में होने वाली विभिन्न बीमारियों से लोग ग्रस्त हो रहे है।
    सेमिनार को सम्बोधित करते हुए डॉ. मोहित ने बताया कि भारत में भी चिकित्सा विज्ञान ने बहुत प्रगति की है। आज से दस-पन्द्रह वर्ष पूर्व हड्डियों की जो बीमारियां लाईलाज मानी जाती थी जैसे बढ़ती उम्र के प्रभाव से घुटनों व अन्य जोड़ों में दर्द होना, शरीर की कुछ विशेष हड्डियों के टूटने का उपचार आदि बीमारियों का ईलाज असंभव माना जाता था परन्तु अब हड्डियों की कोई भी बीमारी असंभव नही रही है। हर बीमारी का ईलाज संभव हो गया है। उन्होने बताया कि दुर्घटना या गिरने से हड्डियों के टूटने का ईलाज पहले कई महिनों तक करवाना पड़ता था परन्तु अब दुर्घटना एवं गिरने पर हड्डियां टूटने पर तुरन्त ईलाज संभव हो गया है। ईलाज के दूसरे-तीसरे दिन ही पीडि़त व्यक्ति चलने लग जाता है। इस अवसर  पर मक्कासर की 70 वर्षीय महिला केसर देवी ने अपने अनुभव बताते हुए जानकारी दी कि सीढियों से फिसलने के कारण उनके पैर की हड्डी पूरी तरह टूट गई। उन्होने महादेवी हॉस्पीटल में डॉ. मोहित से आगरा पद्धति से ईलाज करवाया और ईलाज के दूसरे ही दिन चलने फिरने लग गई। अब उसे चलने फिरने में किसी तरह की परेशानी नही हो रही है। सेमिनार में इसी तरह डॉ. मोहित से उपचार पा चुके वृद्ध महिला व पुरूषों ने अपने-अपने अनुभव बताये। सेमिनार में उपस्थित शहर के सैंकड़ों गणमान्य नागरिकों ने बड़े ही उत्साहपूर्वक डॉ. मोहित से हड्डियों के बीमारी एवं उपचार के बारे में प्रश्न पूछकर जानकारी हासिल की। डॉ. मोहित ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति आम लोगों को जागृत करने के लिए इस तरह के सेमिनारों का आयोजन समय-समय पर किया जायेगा। स्वास्थ्य के प्रति जागृत होने से अनेकों रोगों से बचा जा सकता है और पूरे जीवन भर व्यक्ति स्वस्थ एवं मजबूत रह सकता है।