खबर - पवन टेलर
टोंक। टोंक जिले के सांस गांव में एक बारात की बस में
बिजली के हाईटैंशन लाईन से आए करंट की वजह से हुए हादसेे के लिए 6
इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिन्हें प्रबंधन की ओर से जल्द ही
चार्जशीट थमाई जाएगी। मामले की जांच करने वाली तीन सदस्यीय कमेटी ने हादसे
के 20 दिन बाद अपनी रिपोर्ट दी है।
कमेटी ने
दुर्घटना के दौरान कार्यरत एक्सईएन, एईएन, जेईएन व लाइनमैन के साथ ही 2007
में नई लाइन खींचने वाले तत्कालीन एईएन व जेईएन को भी हादसे के लिए
जिम्मेदार माना है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जयपुर डिस्कॉम प्रबंधन को
दे दी है। साथ ही कमेटी ने भविष्य में बिजली हादसे रोकने के लिए प्रबंधन की
ओर से जारी आदेश व सर्कुलरों की सख्ती से पालना करवाने की सिफारिश की है।
जांच
रिपोर्ट में ठेकेदारों की ओर से किए गए कार्यों के नियमानुसार होने के लिए
सीसीए व जेईएन की संयुक्त जांच की जरूरत बताई गई है, जिससे कार्यों की
क्वालिटी सही रहे। जयपुर डिस्कॉम के तत्कालीन एमडी अनुराग भारद्वाज ने
हादसे की जांच के लिए डायरेक्टर (टेक्निकल) जी आर चौधरी, एडिशनल एसपी
(विजिलेंस) सरिता बडग़ुर्जर व तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (आरए) राजेश माथुर
की कमेटी गठित की थी।
इस मामले में जयपुर डिस्काम
के टेक्निकल डायरेक्टर जीआर चौधरी का कहना है कि कमेटी ने टेक्निकल पहलुओं
की जांच कर रिपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी है। रिपोर्ट के आधर पर जल्द ही
कार्रवाई की जाएगी एवं जिम्मेदार इंजीनियरों को प्रबंधन की ओर से चार्जशीट
सौंपी जाएगी।
इन्हें बताया जिम्मेदार
एईएन
गिरेंद्र सिंह, जेईएन राजेश वर्मा (पचेवर), जेईएन (पचेवर) गोवर्धनलाल,
एईएन गोविंद नारायण (मालपुरा), एक्सईएन अत्तर सिंह, जेईएन मुकेश सोनीवाला,
बस ड्राइवर रतनलाल गुर्जर।