रविवार, 1 नवंबर 2015

बोरिंग की शिकायत के बाद भी प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई


खबर - पवन कुमार शर्मा 
सांसद  मिलकर लगाई गुहार 
सूरजगढ़.  जहां एक ओर तो सरकार ने लगभग पुरे जिले को ही डार्क जोन क्षेत्र घोषित कर रखा है वहीं रसूखदार लोग आसानी से इस क्षेत्र में अवैध बोरिंग कर धरती का सीना छलनी कर रहे है।जिले की बुहाना ,चिड़ावा ,सूरजगढ़ आदि तहसील क्षेत्र में जलस्तर काफी निचे जा चूका था। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने इस क्षेत्र को डार्क जोन घोषित कर रखा है और यहां नए बोरवैल खुदवाने पर पाबन्दी लगी हुई है।किसान अपने खेतो में पुराने बने कुंओ में तो खुदाई की अनुमति के लिए बार-बार प्रशाशन के चक्कर लगाता रहता है लेकिन प्रशाशन उसे अनुमति नहीं देता है वहीं धनाढ्य लोग आसानी से इन आदेशों की धज्जिया उड़ाते हुए अवैध रूप  बोरिंग कर धरती का सीना छलनी कर रहे है। ऐसी ही पीड़ा को लेकर अरड़ावता गांव के लोग रविवार को सांसद संतोष अहलावत से मिले और उन्हें अपना दर्द बयां किया। गांव के धर्मेंद्र सिंह ने बताया की चिड़ावा तहसील के अरड़ावता गांव में जुगलाल जाट और मंसाराम जाट अपने खातेदारी की जमीन पर अवैध रूप से बोरिंग कर रहे है।उन्होंने इसकी शिकायत 30 अक्टूबर को चिड़ावा एसडीएम और जिला कलेक्टर से भी कर दी गई।लेकिन प्रशासन ने उनकी इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की उल्टे आरोपित व्यक्तियो द्धारा सरेआम बोरिंग की जा रही है।ग्रामीणो की शिकायत पर सांसद संतोष अहलावत ने चिड़ावा तहसीलदार से फ़ोन पर वार्ता कर पीडितो के लिए न्याय संगत कार्य करने की बात कही। 
नौ माह पूर्व भी कोशिश 
अरड़ावता गांव में वर्तमान समय में बोरिंग कर रहे व्यक्तियों द्धारा 23 जनवरी 2015 को  9 माह पूर्व भी बोरिंग की कोशिश की गई थी लेकिन उस समय प्रशासनिक अधिकारियों ने उक्त लोगों को पाबंद कर बोरिंग को रुकवा दिया गया था।लेकिन इस बार शिकायत के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है। ये तो अधिकारी ही बता सकते है। ये तो जांच का विषय है की आखिर इलाके में चलने वाले इन बोरिंगो पर प्रशाशन चुपी क्यों साधे है । इस संबंध में जब चिड़ावा तहसीलदार से बात करने की कोशिश की गई तो वे खेल में व्यस्त बताये गए।

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