कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने आज लोक सभा में नियम 377 के अंतर्गत बीपीएल चयन प्रक्रिया में विभिन्न अव्यवहारिक मानदंडों को समाप्त करने एवं वास्तविक रूप से वंचित परिवारों को बीपीएल कार्ड प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि देश में वर्ष 2002 में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों का सर्वे करके उन्हें बीपीएल कार्ड उपलब्ध कराए गए थे। केन्द्र एवं राज्य की सरकारों की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाएं यथा- स्वास्थ्य, आवास, खाद्य सामग्री और शिक्षा आदि उपलब्ध कराए जाने के लिए प्राथमिकता प्रदान करने का यही प्रमुख अधार निर्धारित किया गया हेै। उक्त बीपीएल कार्डों के वितरण के पश्चात 2002 से अब तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले ऐसे लोग जो उस समय चिन्हित नहीं हो पाए, ऐसे लोगों को बीपीएल कार्ड नहीं मिलने के कारण विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाएं जो उनके जीवन स्तर को सुधारने एवं निःशुल्क स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिये आवश्यक है,उनसे उन्हे वंचित होना पड़ रहा है। वर्ष 2011 से गणना की प्रक्रिया चालू की गई लेकिन अब तक सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों का ही डेटा प्राप्त हुआ है जो कि प्रक्रिया की धीमी गति को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि गत शासन में वर्ष 2011 में सरकार ने एक सामाजिक एवं जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया और सरकार के पास बीपीएल चयन के लिए नए मानक निर्धारित किए जाने की अनुशंसा सक्सेना कमेटी द्वारा की गई। श्री बिरला ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी मिली है कि सक्सेना कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बीपीएल में आने वाले परिवारों के लिए निर्धारित 14 मानदंडों में से कई मानदंड व्यवहारिक दृष्टि से अनुचित प्रतीत होते हैं। जिनमें फोन कनेक्शन धारी होना, घर में रेफ्रीजरेटर होना तथा दो पहिया वाहन का मालिक होना जैसे बिंदु भी बीपीएल क्षेणी से बाहर किये जाने का आधार माना गया है। गत शासन में प्रस्तावित की गई बीपीएल गणना की नई प्रणाली यदि लागू की गई तो लगभग 7.05 करोड़ लगभग 40 प्रतिशत से अधिक वर्तमान बीपीएल कार्डधारी बीपीएल सेवाओं से वंचित होने का खतरा है। वहीं उक्त फाॅर्मूले के आधार पर एक प्रतिशत से भी कम लगभग 16.5 लाख नए बीपीएल कार्डधारी सम्मिलित होने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में बिना आर्थिक स्तर सुधारे एक बड़े वर्ग को बीपीएल सेवाओं से वंचित किए जाने का खतरा आसन्न है, वहीं बड़ी संख्या में बीपीएल हेतु पात्रता रखने वाले वर्ग को भी बीपीएल कार्ड उपलब्ध कराए जाना आवश्यक है। सासंद बिरला ने कहा है कि सरकार द्वारा बीपीएल चयन प्रक्रिया में विभिन्न अव्यवहारिक मानदंडों को समाप्त किया जाना व वास्तविक रूप से वंचित परिवारों को अविलम्ब बीपीएल कार्ड प्रदान करने की योजना प्रारम्भ किया जाना आवश्यक है ताकि वर्ष 2002 से 2015 के बीच वंचित पात्र परिवारों को वास्तविक लाभ प्रदान करके उनका जीवन स्तर सुधारा जा सके।
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