खबर - गौरव चतुर्वेदी
देवली, कृषि आदान विक्रेता संघ ने नई लाइसेंस प्रणाली के विरोध में दुकाने बंद रख विरोध प्रकट किया और उपखण्ड अधिकारी मनोज कुमार को कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज ने बताया की भारत सरकार ने अपने गजट नोटिफिकेशन कीटनाशक संशोधित नियम 2015 एंव उर्वरक अधिसूचना 2015 के अंतर्गत इनका विक्रय करने वाले वर्तमान व्यापारियों एवं नये लाइन्सेन्स लेने वाले व्यापरियों के लिये शैक्षणिक योग्यता निश्चित की है उससे पुराने अनुज्ञा पत्रधारी व्यापारियों के सम्मुख संकट गहरा गया है। भारत सरकार ने अपने नये नियमों में कृषि विषय में स्नातक अनिवार्य कर दिया है जबकि यह नियम उर्वरक में नये अनुज्ञा पत्र लेने वालों के लिये अनिवार्य है। ज्ञापन में बताया की सरकार द्वारा किये गये इस नियम के बाद कई परेशानियां उठानी पड रही है । वर्तमान में अधिकांश व्यापारी इस योग्यता के लिये योग्य नहीं है और इस योग्यता को किसी भी परिस्थिति में प्राप्त नहीं कर सकते है। ज्ञापन में कृषि विक्रेता संघ ने बताया की केन्द्रीय सरकार ने कीटनाशी नियम 1971 का और संशोधन करने के लिये नियम बनाती है और सरकार सुझावों को दरकिनार करते हुये आनन फानन में संशोधन कर सीधे वर्षों से कार्यरत व्यापारियों के लिये मुसीबत खडी कर दी है। व्यापारियों ने कृषि मंत्री के नाम दिये ज्ञापन में जल्द नियमों संशोधन करने की मांग की है। मंगलवार को कृषि आदान विक्रेताओं ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख सरकार द्वारा बनाये गये नियमों का विरोध किया। ज्ञापन देने वालों में कृषि आदान विक्रेता संघ के संरक्षक रमेश जिंदल,रोहित जिंदल,आयुष मंगल,अशोक कुमार, महेंद्र समेत कई व्यापारी मौजूद थे।
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