शनिवार, 19 नवंबर 2016

झुंझुनू जिले में देश के नामी मनोचिकित्सक एक ही छत के नीचे

खबर - अरुण मूंड
भारतीय मनो चिकित्सक सोसायटी सम्मेलने में
देश के ख्याति प्राप्त चिकित्सक कर रहे है शिरकत
झुंझुनू।
बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ. दिगम्बर सिंह ने कहा है कि वर्तमान में जहां एक ओर महिलाएं पुरूषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर आज भी आधी आबादी सामाजिक कुरितियों की जकडऩ में है, जिनसे मु€त होना आज की महती आवश्यकता है। इस महत् कार्य में मनोचि€िसकों की भूमिका सबसे अहम है। डॉ. सिंह शनिवार को ढिगाल में भारतीय मनोचिकित्सक सोसायटी की राजस्थान शाखा द्वारा 31 वें वार्षिक सम्मेलन के दो दिवसीय कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि देश के विख्यात मनोरोग चिकित्सकों को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि झुंझुनू जिले में देश के नामी मनोचिकित्सक एक ही छत के नीचे दो दिनों तक महिला मनो स्वास्थ्य पर गंभीर चिंतन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों से अधिकाधिक मनोरोगियों के इलाज के लिए नवीन प्रणालियों की खोज का रास्ता भी सुलभ होता है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में शारीरिक, मानसिक विकास के आयामों के साथ आध्यात्मिकता को भी शामिल कर इस सम्मेलन को सार्थक बना दिया गया है। इस अवसर पर मण्डावा विधायक नरेन्द्र कुमार ने सम्मेलन के झुंझुनू जिले में होने एवं बड़ी संख्या में चिकित्सकों के इसमें भाग लेने को एक सुखद अवसर बताते हुए इसकी सफलता की कामना की। शुभारम्भ के अवसर पर जिला कले€टर प्रदीप कुमार बोरड़ ने कहा कि चिकित्सकों का यह सम्मेलन जिले ही नहीं वरन मनोचिकित्सा के क्षेत्र में राज्य में मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने होम्योपैथी के द्वारा महिलाओं के मानसिक विकास के शोध पर भी प्रकाश डालने की बात कही।  इस अवसर पर राजस्थान मनोचिकित्सक सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. लालचंद ढाका ने बताया कि सम्मेलन में महिलाओं के मनोस्वास्थ्य, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव, मानसिक अवसाद, बच्चों एवं युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक समस्याओं सहित कई बिन्दूओं पर प्रसिद्व विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जा रही है। ढाका ने बताया कि सम्मेलन के दूसरे दिन आज सालासर स्थित हनुमान सेवा समिति में प्रात: 11 बजे से संस्था द्वारा संस्कृति एवं मानसिक रोग विषय पर चर्चा की जाएगी। साथ ही हार्ट फुलनैस संस्थान द्वारा सभी चिकित्सकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान इस क्षेत्र में शोध पत्र पढऩे वाले मनोचिकित्सकों को दिए जाने वाले अवार्ड गहलोत अवार्ड, कोरा अवार्ड व सोलंकी अवार्ड का भी वितरण किया गया।

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