रिपोर्ट - लक्की अग्रवाल
पांच घंटे रलावता रहा दहशत में,हजारों की संख्या में लोग रहें मौजूद
जयपुर जू घर से आई वन विभाग की टीम ने पांच घंटे के ऑपरेशन के बाद बेहोशी हालत में निकाला पैंथर
रलावता ग्राम का था मामला
श्रीमाधोपुर। श्रीमाधोपुर-खण्डेला राजमार्ग पर कस्बे से पांच किलोमीटर दूरी पर बसे रलावता ग्राम में मंगलवार को प्रात:काल घर में झाडू निकाल रही बालिका को अचानक आये पैंथर ने जख्मी कर ग्राम के मुख्य चौक में स्थित मोतीराम मंगावा के खण्डर मकान में जा घुसा। अचानक हुए हमले के कारण बालिका की चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजन तथा आस पास के लोग मौके पर दौडक़र आये और बालिका के बताये अनुसार खण्डर मकान में घुसे जानवर को मकान की छत पर चढक़र लोगों ने देखा तो भौच्चके रहें गये। लोगों को पता चला की गांव में पैंथर घुस गया। वहीं पैंथर के
अचानक किये गये हमले के कारण बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं देखते ही देखते सैंकड़ों लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। जानकारी के अनुसार ११ वीं कक्षा में पढऩे वाली १६ वर्षीय छात्रा गुड्डी जटराणा पुत्री मदनलाल जटराणा जो कि अपने घर पर सुबह झाडू निकाल रही थी कि अचानक पिछे से आकर एक जानवर ने उसके कंथे तथा पीठ पीठ पर पंजों से मारकर जख्मी कर दिया। अचानक बालिका स्वंय पर हुए हमले को लेकर जोर जोर से चिल्लाने लग गई। जिससे बालिका की आवाज सुनकर परिजन तथा आस पास के लोग मौके पर दौडक़र आये तो देखा कि गुड्डी लहुलुहान हो रही हैं। और वह हुए हमले के कारण बुरी तरह से डर गई। वहीं बालिका के गंभीर घायल होने के बाद परिजन तुरन्त प्रभाव से अस्पताल लेकर पहुँचे और करीब एक घंटे बाद बालिका को प्राथमिक उपचार के बाद पुन: घर लेकर आ गये लेकिन बालिका की स्थिति नाजूक होने पर चिकित्सकों ने परिजन के साथ १०८ एंबूलैंस से जयुपर रैफर कर दिया। वहीं ग्रामीणों ने बालिका के बताये अनुसार मकान में घुसे पैंथर की सुचना तत्काल प्रभाव से पुलिस थाना खण्डेला तथा वन विभाग की टीम को दी। लोगों की सुचना पर मौके पर पहुँची पुलिस तथा श्रीमाधोपुर वन विभाग के रेंजर अश्विनी कुमार अपनी टीम के साथ पहुँचे लेकिन स्ंवय के पास संसाधन नहीं होने पर जयपुर की ट्राईकूलिंग टीम को सुचना दी। वहीं मौके पर देखते ही देखते हजारों की संख्या में पैंथर को देखने के लिए पुरूषों के साथ साथ महिलाओं बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा। करीब मौके पर चार घंटे
के बाद वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी जू जयपुर डॉ.अरविंद माथुर के नेतृत्व में पहुँची टीम मौके स्थिति को जायजा लेकर अपना जाल बिछाते हुए ऑपरेशन चालू किया। ट्रेंक्यूलाइज एक्सपर्ट डा.अरविंद माथुर ने बताया कि सूचना पर टीम यहां पहुंची और देखा तो पैंथर एक सुनसान मकान में छिपा हुआ था। जिसके चलते पैंथर को पकडऩा मुश्किल था। इसलिए प्लानिंग की गई और सुनसान मकान के दरवाजे जो खुला हुआ था इसके चलते लोगों से एक लोहे की टेण मंगवाकर दरवाजे को बंद किया गया। बाद में दीवार में एक छेद में से पैंथर को बंदूक से ट्रेंक्यूलाइज किया गया। करीबन पन्द्रह मिनट बाद पैंथर के बेहोश होने के बाद पेंथर को जाल में पकडकर श्रीमाधोपुर लाया गया। डा.अरविंद माथुर ने बताया कि यह नर पैंथर है और यह पहाड़ी इलाके से इधर आ गया। वन विभाग की टीम ने सांयकाल चार बजे पैंथर को पंजीरे में डालकर गणेशवर के जंगलों के लिए रवाना कर दिया।
पांच घंटे ग्रामीण रहें दहशत में। गांव के खण्डर मकान में घुसे पैंथर की सुचना पर लोग अचानक दहशत में आ गये। और मकानों की छतों पर चढक़र पैंथर को पकडऩे का इंतजार करने लग गये। वहीं पैंथर द्वारा हमला करने पर घायल हुई बालिका के घर पर महिला व पुरूषों का जमावड़ा लग गया। पांच घंटे बाद वन विभाग की टीम द्वारा मकान में घुसे पैंथर को ट्रेंक्यूलाईज कर बेहोशी की हालत में ले जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
कमरे को बनाया पिंजरा। पकड़ गये पैंथर को श्रीमाधोपुर वन विभाग कार्यालय श्रीमाधोपुर लाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों की जमकर लापरवाही देखने को मिली। जानकारी के अनुसार रलावता ग्राम में टे्रंक्यूलाईज के बाद पकड़े गये पैंथर को पिजंरा नहीं होने पर अधिकारियों ने वन विभाग के कार्यालय के एक कमरे को खाली कर पिंजरा बना डाला और पकड़े गये पैंथर को कमरे में बेहोशी की हालत में डाल दिया गया। वहीं करीब तीन घंटे के बाद अन्यत्र जगह से मंगवाये गये पिंजरे में पुन: ट्रेंक्यूलाइज एक्सपर्ट डा.अरविंद माथुर के द्वारा पैंथर को टे्रंक्यूलाईज कर पिंजरे में डालकर गणेशवर के जंगलों में भिजवाया गया। यह तो गनीमत रही कि कमरे में बंद किये गये पैंथर ने कोई हरकत नहीं की वरना कोई अनहोनी घटित हो सकती थी।
एक्सपर्ट टीम में ये रहें मौजूद। ट्रेंक्यूलाईज एक्सपर्ट डॉ.अरविंर माथुर ने बताया कि उन्होनें मंगलवार को अपनी टीम के साथ राजस्थान में अब तक 32 पैंथरों को पकडक़र सही सलामत जंगलों में भिजवाया हैं। उनकी एक्सपर्ट टीम में ओप्रकाश,सुरेश तथा मामराज भी मौजूद रहें। वहीं ग्राम में पैंथर की सुचना पाकर खण्डेला वन विभाग के अधिकारी,खण्डेला पुलिस,पटवारी,सरपंच सतीश मंगावा सहित हजारों ग्रामीण मौजूद रहें।
पांच घंटे रलावता रहा दहशत में,हजारों की संख्या में लोग रहें मौजूद
जयपुर जू घर से आई वन विभाग की टीम ने पांच घंटे के ऑपरेशन के बाद बेहोशी हालत में निकाला पैंथर
रलावता ग्राम का था मामला
श्रीमाधोपुर। श्रीमाधोपुर-खण्डेला राजमार्ग पर कस्बे से पांच किलोमीटर दूरी पर बसे रलावता ग्राम में मंगलवार को प्रात:काल घर में झाडू निकाल रही बालिका को अचानक आये पैंथर ने जख्मी कर ग्राम के मुख्य चौक में स्थित मोतीराम मंगावा के खण्डर मकान में जा घुसा। अचानक हुए हमले के कारण बालिका की चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजन तथा आस पास के लोग मौके पर दौडक़र आये और बालिका के बताये अनुसार खण्डर मकान में घुसे जानवर को मकान की छत पर चढक़र लोगों ने देखा तो भौच्चके रहें गये। लोगों को पता चला की गांव में पैंथर घुस गया। वहीं पैंथर के
अचानक किये गये हमले के कारण बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं देखते ही देखते सैंकड़ों लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। जानकारी के अनुसार ११ वीं कक्षा में पढऩे वाली १६ वर्षीय छात्रा गुड्डी जटराणा पुत्री मदनलाल जटराणा जो कि अपने घर पर सुबह झाडू निकाल रही थी कि अचानक पिछे से आकर एक जानवर ने उसके कंथे तथा पीठ पीठ पर पंजों से मारकर जख्मी कर दिया। अचानक बालिका स्वंय पर हुए हमले को लेकर जोर जोर से चिल्लाने लग गई। जिससे बालिका की आवाज सुनकर परिजन तथा आस पास के लोग मौके पर दौडक़र आये तो देखा कि गुड्डी लहुलुहान हो रही हैं। और वह हुए हमले के कारण बुरी तरह से डर गई। वहीं बालिका के गंभीर घायल होने के बाद परिजन तुरन्त प्रभाव से अस्पताल लेकर पहुँचे और करीब एक घंटे बाद बालिका को प्राथमिक उपचार के बाद पुन: घर लेकर आ गये लेकिन बालिका की स्थिति नाजूक होने पर चिकित्सकों ने परिजन के साथ १०८ एंबूलैंस से जयुपर रैफर कर दिया। वहीं ग्रामीणों ने बालिका के बताये अनुसार मकान में घुसे पैंथर की सुचना तत्काल प्रभाव से पुलिस थाना खण्डेला तथा वन विभाग की टीम को दी। लोगों की सुचना पर मौके पर पहुँची पुलिस तथा श्रीमाधोपुर वन विभाग के रेंजर अश्विनी कुमार अपनी टीम के साथ पहुँचे लेकिन स्ंवय के पास संसाधन नहीं होने पर जयपुर की ट्राईकूलिंग टीम को सुचना दी। वहीं मौके पर देखते ही देखते हजारों की संख्या में पैंथर को देखने के लिए पुरूषों के साथ साथ महिलाओं बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा। करीब मौके पर चार घंटे
के बाद वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी जू जयपुर डॉ.अरविंद माथुर के नेतृत्व में पहुँची टीम मौके स्थिति को जायजा लेकर अपना जाल बिछाते हुए ऑपरेशन चालू किया। ट्रेंक्यूलाइज एक्सपर्ट डा.अरविंद माथुर ने बताया कि सूचना पर टीम यहां पहुंची और देखा तो पैंथर एक सुनसान मकान में छिपा हुआ था। जिसके चलते पैंथर को पकडऩा मुश्किल था। इसलिए प्लानिंग की गई और सुनसान मकान के दरवाजे जो खुला हुआ था इसके चलते लोगों से एक लोहे की टेण मंगवाकर दरवाजे को बंद किया गया। बाद में दीवार में एक छेद में से पैंथर को बंदूक से ट्रेंक्यूलाइज किया गया। करीबन पन्द्रह मिनट बाद पैंथर के बेहोश होने के बाद पेंथर को जाल में पकडकर श्रीमाधोपुर लाया गया। डा.अरविंद माथुर ने बताया कि यह नर पैंथर है और यह पहाड़ी इलाके से इधर आ गया। वन विभाग की टीम ने सांयकाल चार बजे पैंथर को पंजीरे में डालकर गणेशवर के जंगलों के लिए रवाना कर दिया।
पांच घंटे ग्रामीण रहें दहशत में। गांव के खण्डर मकान में घुसे पैंथर की सुचना पर लोग अचानक दहशत में आ गये। और मकानों की छतों पर चढक़र पैंथर को पकडऩे का इंतजार करने लग गये। वहीं पैंथर द्वारा हमला करने पर घायल हुई बालिका के घर पर महिला व पुरूषों का जमावड़ा लग गया। पांच घंटे बाद वन विभाग की टीम द्वारा मकान में घुसे पैंथर को ट्रेंक्यूलाईज कर बेहोशी की हालत में ले जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
कमरे को बनाया पिंजरा। पकड़ गये पैंथर को श्रीमाधोपुर वन विभाग कार्यालय श्रीमाधोपुर लाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों की जमकर लापरवाही देखने को मिली। जानकारी के अनुसार रलावता ग्राम में टे्रंक्यूलाईज के बाद पकड़े गये पैंथर को पिजंरा नहीं होने पर अधिकारियों ने वन विभाग के कार्यालय के एक कमरे को खाली कर पिंजरा बना डाला और पकड़े गये पैंथर को कमरे में बेहोशी की हालत में डाल दिया गया। वहीं करीब तीन घंटे के बाद अन्यत्र जगह से मंगवाये गये पिंजरे में पुन: ट्रेंक्यूलाइज एक्सपर्ट डा.अरविंद माथुर के द्वारा पैंथर को टे्रंक्यूलाईज कर पिंजरे में डालकर गणेशवर के जंगलों में भिजवाया गया। यह तो गनीमत रही कि कमरे में बंद किये गये पैंथर ने कोई हरकत नहीं की वरना कोई अनहोनी घटित हो सकती थी।
एक्सपर्ट टीम में ये रहें मौजूद। ट्रेंक्यूलाईज एक्सपर्ट डॉ.अरविंर माथुर ने बताया कि उन्होनें मंगलवार को अपनी टीम के साथ राजस्थान में अब तक 32 पैंथरों को पकडक़र सही सलामत जंगलों में भिजवाया हैं। उनकी एक्सपर्ट टीम में ओप्रकाश,सुरेश तथा मामराज भी मौजूद रहें। वहीं ग्राम में पैंथर की सुचना पाकर खण्डेला वन विभाग के अधिकारी,खण्डेला पुलिस,पटवारी,सरपंच सतीश मंगावा सहित हजारों ग्रामीण मौजूद रहें।
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