बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)।नोटबंदी को दो सप्ताह हो चुके हैं। इस दौरान फल व सब्जियों की कीमतों और मांग में भारी गिरावट देखी जा रही है। इस दौरान आवक भी गिरी है। हालांकि बीते कुछ दिनों से लोगों के पास पैसा आने से सब्जियों की मांग कुछ सुधरी है। फिर भी क ीमतों में गिरावट जारी है। किसान इनके खराब होने के डर से किसी भी भाव पर फल-सब्जी बेचने को तैयार है। नोटबंदी से कारोबारी व ग्राहकों के पास धन की किल्लत है। कारोबारियों के पास किसानों को देने के लिए पैसे नहीं और खरीदार कारोबारियों के पास विक्रेता क ारोबारियों को देने के लिए पैसा नहीं। नोटबंदी के बाद मंडियों में फल-सब्जी की आवक और भाव में भारी गिरावट आई है। सबसे ज्यादा मार फल कारोबार पर पड़ी है। कारोबारियों के पास किसान व मजदूरों को देने के लिए पैसे की जबरदस्त तंगी है। सब्जी कारोबारी के अनुसार किसान खराब होने के डर से खासकर पालक, मेथी, गोभी जैसी सब्जियां कम भाव पर भी बेचने को तैयार है। कई सब्जियों के दाम घटकर आधे रह गए हैं।
नोटबंदी की मार जेब पर, चना दाल भी हुई महंगी
नोटबंदी के बाद देश के कई शहरों में चने की दाल के दाम बढ़ गए हैं। आटे के बाद अब चने की दाल महंगी हो रही है। केंद्रीय भंडारों पर 24 तारीख तक पुराने नोट चलेंगे, इसलिए हर कोई अपनी पुरानी करेंसी निकालने यहां टूट पड़ा है। चने की दाल पर सबकी नजर ज्यादा है, क्योंकि बाजार में जो दाल 140 रुपए किलो बिक रही है, वो यहां सब्सिडी पर 88 रुपए किलो मिल जाती है। नतीजा ये है कि 8 नवंबर से पहले रोज औसतन सौ किलो बिकने वाली चने की दाल इन दिनों रोजाना 300 किलो बिक रही है। इसका असर दामों पर भी दिख रहा है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ेे बताते हैं कि 8 नवंबर से 21 नवंबर के बीच देश के कई शहरों में चने की दाल महंगी हो गई है। खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर से 21 नवंबर के बीच देश के 20 शहरों में चना दाल की कीमत 5 रुपए या उससे ज्यादा बढ़े हैं।
नोटबंदी की मार जेब पर, चना दाल भी हुई महंगी
नोटबंदी के बाद देश के कई शहरों में चने की दाल के दाम बढ़ गए हैं। आटे के बाद अब चने की दाल महंगी हो रही है। केंद्रीय भंडारों पर 24 तारीख तक पुराने नोट चलेंगे, इसलिए हर कोई अपनी पुरानी करेंसी निकालने यहां टूट पड़ा है। चने की दाल पर सबकी नजर ज्यादा है, क्योंकि बाजार में जो दाल 140 रुपए किलो बिक रही है, वो यहां सब्सिडी पर 88 रुपए किलो मिल जाती है। नतीजा ये है कि 8 नवंबर से पहले रोज औसतन सौ किलो बिकने वाली चने की दाल इन दिनों रोजाना 300 किलो बिक रही है। इसका असर दामों पर भी दिख रहा है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ेे बताते हैं कि 8 नवंबर से 21 नवंबर के बीच देश के कई शहरों में चने की दाल महंगी हो गई है। खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर से 21 नवंबर के बीच देश के 20 शहरों में चना दाल की कीमत 5 रुपए या उससे ज्यादा बढ़े हैं।
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