बिटिया की शादी बनी गवाह
बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)। प्रधानमन्त्री ने 8 नवम्बर को नोट बंदी की घोषणा के बाद बैंक कार्मिक कैसे हावी हुए इसका उदाहरण शनिवार क ो जिले के नोखा तहसील में दिखाई दिया। अपनी लाड़ली भारती की धूमधाम से शादी करने का सपना संजोये एक मजबूर और लाचार पिता ने अपने बैंक खाते जमा पर्याप्त रकम होने के बावजूद उसे रिजर्व बैंक द्वारा शादी में 2.50 लाख रु की नगदी नहीं निकालने दी गयी पिता ने अड़ोसी पड़ोसी और दोस्तों से रु मांगकर सुबह बेटी को विदा तो कर दिया लेकिन जीवन भर एक टीस दिल में रहेगी की उसके पास रुपये होने के बावजूद उसे अनेक यंत्रणा भुगतनी पड़ी। कस्बे के बाबा छोटुनाथ स्कूल के पीछे निवास करने वाले शरदमोहन शर्मा की लाड़ली भारती की शादी सुरपुरा गांव के अनिल के साथ तय हुई जिसकी बारात कल नोखा पहुंची। शरदमोहन ने बताया की उसके बैंक खातो ने 8 नवम्बर से पहले पर्याप्त रकम जमा थी जिसका उपयोग वह शादी में करने वाला था नोट बंदी की घोषणा के बाद जारी सरकारी नियमानुसार उसने अपने खाते से रकम निकालने के लिये आई सी आई सी आई बैंक की नोखा में दोनों बैंको में शादी का कार्ड,सामान खरीद के बिल, टेंट वाले जा बिल, गाडियो के खर्चे सहित अनेक जानकारी दी जिसके जवाब में बैंक कार्मिको ने उसे शादी पेटे मिलने वाले 2.50 लाख तो क्या ढाई हज़ार रु तक नही दिए गए।
एक तरफ घर में बेटी के शादी दूसरी तरफ पैसों की चिंता लाचार पिता अपनी बेटी भारती का शादी कार्ड लिए उपखंड कार्यालय पहुंचा और एस डी एम को पूरी जानकारी दी लेकिन उन्होंने पीडि़त की शिकायत को आगे फारवर्ड करने का काम कर दिया। शादी के दौरान इस बात के साथी शरदमोहन शर्मा के दोस्त महेश आचार्य ने बताया की उन्होंने बैंक वालो के बर्ताव की जानकारी लगातार अधिकारियों को दी लेकिन किसी ने कोई कार्यवाही नही की जिससे बेबस बाप का हौसला टूट गया हालाँकि जैसे तैसे आज बेटी को विदा तो कर दिया लेकिन अपने बैंक खाते में जमा रकम निकालने के लिए जब सभी औपचारिकता पूरी की जा रही थी उसके बाद भी रु नही देना गलत है। भारती की माँ ने भी रुंधे गले से बताया की बेटी की शादी करने के जो ख्बाब हमने लिए उनको बैंक वालो ने तोड़ दिए उन्होंने बताया की संयुक्त बैंक खाते में पर्याप्त रु होने के बावजूद उन्हें रु नही दिए गए। मामला यहा भी समाप्त नहीं हुआ भारती के दादा ने भी नोखा के एक और बैंक में भी पोती की शादी के रुपये निकालने का प्रार्थना पत्र दिया वहाँ भी उन्हें रूपयें नही दिए गए। पीडि़त शरदमोहन शर्मा ने इस मामले को जिला कलेक्टर और रिजर्व बैंक में भेजने का मानस बनाया है ताकि फिर कोई बाप को परेशान नहीं होना पड़े। शरदमोहन ने बैंको की सीसीटीवी फुटेज और लेनदेन की जाँच करवाने की मांग की है।
बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)। प्रधानमन्त्री ने 8 नवम्बर को नोट बंदी की घोषणा के बाद बैंक कार्मिक कैसे हावी हुए इसका उदाहरण शनिवार क ो जिले के नोखा तहसील में दिखाई दिया। अपनी लाड़ली भारती की धूमधाम से शादी करने का सपना संजोये एक मजबूर और लाचार पिता ने अपने बैंक खाते जमा पर्याप्त रकम होने के बावजूद उसे रिजर्व बैंक द्वारा शादी में 2.50 लाख रु की नगदी नहीं निकालने दी गयी पिता ने अड़ोसी पड़ोसी और दोस्तों से रु मांगकर सुबह बेटी को विदा तो कर दिया लेकिन जीवन भर एक टीस दिल में रहेगी की उसके पास रुपये होने के बावजूद उसे अनेक यंत्रणा भुगतनी पड़ी। कस्बे के बाबा छोटुनाथ स्कूल के पीछे निवास करने वाले शरदमोहन शर्मा की लाड़ली भारती की शादी सुरपुरा गांव के अनिल के साथ तय हुई जिसकी बारात कल नोखा पहुंची। शरदमोहन ने बताया की उसके बैंक खातो ने 8 नवम्बर से पहले पर्याप्त रकम जमा थी जिसका उपयोग वह शादी में करने वाला था नोट बंदी की घोषणा के बाद जारी सरकारी नियमानुसार उसने अपने खाते से रकम निकालने के लिये आई सी आई सी आई बैंक की नोखा में दोनों बैंको में शादी का कार्ड,सामान खरीद के बिल, टेंट वाले जा बिल, गाडियो के खर्चे सहित अनेक जानकारी दी जिसके जवाब में बैंक कार्मिको ने उसे शादी पेटे मिलने वाले 2.50 लाख तो क्या ढाई हज़ार रु तक नही दिए गए।
एक तरफ घर में बेटी के शादी दूसरी तरफ पैसों की चिंता लाचार पिता अपनी बेटी भारती का शादी कार्ड लिए उपखंड कार्यालय पहुंचा और एस डी एम को पूरी जानकारी दी लेकिन उन्होंने पीडि़त की शिकायत को आगे फारवर्ड करने का काम कर दिया। शादी के दौरान इस बात के साथी शरदमोहन शर्मा के दोस्त महेश आचार्य ने बताया की उन्होंने बैंक वालो के बर्ताव की जानकारी लगातार अधिकारियों को दी लेकिन किसी ने कोई कार्यवाही नही की जिससे बेबस बाप का हौसला टूट गया हालाँकि जैसे तैसे आज बेटी को विदा तो कर दिया लेकिन अपने बैंक खाते में जमा रकम निकालने के लिए जब सभी औपचारिकता पूरी की जा रही थी उसके बाद भी रु नही देना गलत है। भारती की माँ ने भी रुंधे गले से बताया की बेटी की शादी करने के जो ख्बाब हमने लिए उनको बैंक वालो ने तोड़ दिए उन्होंने बताया की संयुक्त बैंक खाते में पर्याप्त रु होने के बावजूद उन्हें रु नही दिए गए। मामला यहा भी समाप्त नहीं हुआ भारती के दादा ने भी नोखा के एक और बैंक में भी पोती की शादी के रुपये निकालने का प्रार्थना पत्र दिया वहाँ भी उन्हें रूपयें नही दिए गए। पीडि़त शरदमोहन शर्मा ने इस मामले को जिला कलेक्टर और रिजर्व बैंक में भेजने का मानस बनाया है ताकि फिर कोई बाप को परेशान नहीं होना पड़े। शरदमोहन ने बैंको की सीसीटीवी फुटेज और लेनदेन की जाँच करवाने की मांग की है।
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