शनिवार, 19 नवंबर 2016

ग्रामीण डाक सेवको को नियमित करने का दिल्ली कैट ने दिया फैसला

खबर :- अनिल शर्मा
शिमला  – एक लम्बे समय से नियमित किये जाने की मांग कर रहे ग्रामीण डाक कर्मचारियो को कैट से आखिरकार सुकून भरी राहत मिल ही गई है। कैट ने इनके हक मे फैसला सुनाया है। अब इस फैसले पर सरकार सरकार की सहमति आना बाकीं है। यदि सरकार क्ैट के इस फैसले पर हामी भर देती है तो ये कर्मचारी भी केन्द्रिय कर्मचारियो की तरहं पक्के यानि स्थाई डाक कर्मचारी कहलायेंगें और इन्हे भी मेडिकल सुविधा समेत पेंशन, होम लोन व अन्य वेतन भत्ते का लाभ मिल सकेगा। इस फैसले से प्रदेश के करीब पन्द्रह हजार डाक सेवको मे खुशी की लहर है। अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ ने इस फैसले को अपने लिए ऐतिहासिक बताया है। और अब सरकार को भी जल्द अपनी प्रतिक्रिया देने की मांग की है। संघ की माने तो पिछले 11 सालो से नियमित करने की मांग लगातार की जा रही थी। करीब दो साल पहले कैट मे प्रदेश के लगभग 600 डाक सेवको ने केस दर्ज कराया था। डाक सेवको ने इसमे गुहार लगाई थी कि उन्हे भी केन्द्रिय डाक कर्मचारियो की तरहं स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए एवं वो सारी सुविधाएं दी जायें जिसका लाभ नियमीत डाक कर्मचारीयो को मिल रहा है।
नियमित होने पर मिलेगा ये लाभ
राज्य के सभी डाक सेवको के कार्य के घंटे तय हो जाएगें। वे अब 3 से 5 नही बल्कि 8 घंटे काम करेगें। इनका वेतन भी डेड गुना बढ जाएगा। अब इन्हे वर्दी, बैज, बैग और पहचान–पत्र मिल सकेगा। इसके अलावा बोनस, होम लोन, पेंशन व मेडिकल सुविधाएं भी मिलेगी।
                       एक लंबे समय की लडाई पर कैट ने तो सकारात्मक निर्णय दे दिया है लेकिन अब सरकार भी इस बात को स्वीकार ले तो न सिर्फ राज्य के पन्द्रह हजार बल्कि पूरे देश के करीब  तीन लाख डाक सेवको को इसका लाभ मिल सकेगा।         -         रामचन्द्र चाहर सचिव
                                      ग्रामीण डाक सेवक संघर्ष समिति राजस्थान

ग्रामीण डाक सेवको काे स्थाई कर्मचारी का दर्जा दिलवाने हेतु हमने 2009 मे सुप्रिम कोर्ट मे याचिका दायर की थी तथा सुप्रिम कोर्ट ने इन्हे 2015 मे कर्मचारी का दर्जा दें दिया था। जिस फैसले को कैट ने 17-11-16 के अहम फैसले मे बहाल कर दिया है। कैट द्वारा दिये फैसले का सभी ग्रामीण डाक सेवक स्वागत करते है।
                                             -  मुरारी लाल शर्मा अध्यक्ष  
                                      ग्रामीण डाक सेवक संघर्ष समिति राजस्थान
ग्रामीण डाक सेवको को अंग्रेजी दास्ता से मुक्ति दिलवाने हेतु हमने सुप्रिम कोर्ट मे वाद दायर किया था वहाँ से न्याय मिलने पर फैसले को लागु करवाने हेतु कैट मे वाद दायर किया। जहाँ पर कैट ने ग्रामीण डाक सेवको के हित मे फैसला सुनाकर ऐतिहासिक कार्य कर लम्बी दास्ता सें मुक्ति दिलायी है। हम इसका स्वागत करते है                      -                        चौधरी होंश्यिार सिहं
                                     ग्रामीण डाक सेवक संघर्ष समिति राजस्थान

ग्रामीण डाक सेवको काे स्थाई कर्मचारी का दर्जा दिलवाने हेतु हमने 2009 मे संघर्ष समिति का प्रदेश स्तर पर गठन किया था। तथा न्याय के लिये सुप्रिम कोर्ट मे मुकेश गिरी को वकिल नियुक्त कर वाद दायर किया था। गिरी की पैरवी से पहले हमे सुप्रिम कोर्ट मे न्याय मिला था। बाद मे सुप्रिम कोर्ट के निर्देश पर हम कैट मे गये थे। कैट ने 17-11-16 काे अहम फैसला देकर हमे न्याय प्रदान किया है। अब गेंद सरकार के पाले मे है वो कब आदेश करती है इसका हमे इन्तजार है।        -          रामानन्द शर्मा प्रदेश संयोजक
                                      ग्रामीण डाक सेवक संघर्ष समिति राजस्थान


Share This