गुरुवार, 24 नवंबर 2016

बढ़ रही है फर्जी डाक्टरो की तादाद कुकरमुतों की तरह

खबर - जगत जोशी
रावतसर:-चिकित्सा एंव स्थास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते शहर में फर्जी डाक्टरो की तादाद कुकरमुतों की तरह बढ़ रही है। वही आम आदमी के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते इन नीम-हकीमों की मनमानी को रोकने में स्वास्थ्य मकहमा व स्थानीय प्रषासन नाकाम साबित हो रहा है। गाहे बगाहे महज खानापूर्ति के आषय से यदि भी कार्यवाही भी होती है तो वह भी मामूली होती है। चांदी के सिक्को की खनक के आगे कानूनी प्रावधान बौने साबित हो रहे है और आम जनता से लुट खसोट सरेआम बेरोकटोक जारी है। डाक्टर को समाज ने भगवान का दर्जा दिया है पर शहर के तथाकथित भगवान अधिकारीयों से मिलीभगत कर सरलता से अपना गौरखधंधा चला रहे है। शहर का मटोरिया गैराज क्षैत्र इन दिनो इन हकीमों की शरण स्थली बना हुआ है। स्वंय को मस्से उतारने में माहिर बताते हुये एक शख्स शरीर के सभी रौगो का उपचार कर रहा है। हद तो तब होती है जब यही डाक्टर खुद को सिंगापुर से रिर्टन डाक्टर बताता है लेकिन डिग्री के नाम पर उसके पास कुछ भी नही है। आलम यह है कि यहां डाक्टर बनने के लिये केवल स्टेथोस्कोप, एक मेज, चार कुर्सी तथा एक किराये की दुकान ही चाहिये। कस्बे में इन दिनो एक सुपर स्पैषलिटी अस्पताल खुला है। बडे़ बडे़ होर्डिग लगे है पर अस्पताल में चिकित्सक कौन है व उसके पास क्या डिग्री है यह जानने की जहमत कोई नही उठाता। इन हकीमों को दवा कंपनीया भारी कमीषन देती है जिससे जीवन से खिलवाड़ का धंधा दिन ब दिन फल फूल रहा है व नीम हकीम खतरा ए जान वाली कहावत यथा चरितार्थ हो रही है। वही जिम्मेदार अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों की चुप्पी संदेहास्पद है। झोला छाप डाक्टरो की व्यापक स्तर पर जांच होकर प्रभावी कार्यवाही का अभाव इनकी संख्या में बढो़तरी का मुख्य कारण है। बीमार व्यक्ति के जीवन से फर्जी चिकित्सक धनबल के दम पर भोली भाली जनता को लुट रहे है। आवाम की पीडा़दायक स्थिती को समझकर तत्काल कानूनी कार्यवाही कर दोषी को दंडित करने पर ही शायद अच्छे दिन आयेगे।
 डी आई को इसं संबध में कई बार अवगत करवाने के बावजुद डी आई के हनुमानगढ़ से रावतसर नही आने के कारण इस तरह की कार्यवाहीया प्रभावित हो रही है-
                                  डाॅ. गौरीषंकर बी सी एम एच ओ रावतसर।
 ऐसे नीम हकीमों की जानकारी जुटाकर शीघ कार्यवाही करवाई जायेगी।
                                -अमरनाथ अग्रवाल, उपखंड अधिकारी रावतसर।

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