खबर - मनोज मिश्रा
गणगौर ईसर की प्रतिमाओ की सवारी गढ से निकाली
बिसाऊः-...बिसाऊ रजवाडे के षासन काल से ही परम्परा के अनुसार गणगौर और ईसर की प्रतिमांओ का श्रृं्र्रार कर गढ से ही सांय 6 बजे षोभा यात्रा निकाली जाती रही है। रजवाडा षासन के समाप्ति होजाने पर यह गढ कस्बे के स्व.भजनलाल पौद्दार के द्वारा 40 से 45 वर्ष पूर्व खरीदागया था। पौद्दार परिवार भी उसी परम्परा को निभाते आरहे है। उल्ल्ेाखनीय है िकइस अवसर पर गढ के सामने मूक रामलीला चैक मे खास मेला लगता है जिसमे हजारो महिलाएॅ सोलह श्रृंगार कर सुन्दर परिधान मे गणगौर कर पूजा करने को गढ मे पहुॅच। गणगौर की षोभा यात्रा मे काफी पुरूष और महिलाओ ने भाग लियां मुख्य मार्गो से होते हुए गणगौर की सवारी निकाली गई परम्परा यह भी कि गणगौर ईसर को राजकीय कुए के चार चक्कर लगाये जा कार पूजा की गई और देर षाम तक पुनः गढमे ही स्थापित करदीगही।
गणगौर ईसर की प्रतिमाओ की सवारी गढ से निकाली
बिसाऊः-...बिसाऊ रजवाडे के षासन काल से ही परम्परा के अनुसार गणगौर और ईसर की प्रतिमांओ का श्रृं्र्रार कर गढ से ही सांय 6 बजे षोभा यात्रा निकाली जाती रही है। रजवाडा षासन के समाप्ति होजाने पर यह गढ कस्बे के स्व.भजनलाल पौद्दार के द्वारा 40 से 45 वर्ष पूर्व खरीदागया था। पौद्दार परिवार भी उसी परम्परा को निभाते आरहे है। उल्ल्ेाखनीय है िकइस अवसर पर गढ के सामने मूक रामलीला चैक मे खास मेला लगता है जिसमे हजारो महिलाएॅ सोलह श्रृंगार कर सुन्दर परिधान मे गणगौर कर पूजा करने को गढ मे पहुॅच। गणगौर की षोभा यात्रा मे काफी पुरूष और महिलाओ ने भाग लियां मुख्य मार्गो से होते हुए गणगौर की सवारी निकाली गई परम्परा यह भी कि गणगौर ईसर को राजकीय कुए के चार चक्कर लगाये जा कार पूजा की गई और देर षाम तक पुनः गढमे ही स्थापित करदीगही।