अमित तिवारी
चूरू /नई
दिल्ली। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने बुधवार को सदन में नियम 377 के तहत
पैरामिलिट्री के जवानों को शहीद का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया | सांसद
कस्वां ने सदन में कहा की देश की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका सेना व
पैरामिलिट्री के जवानों व अधिकारीयों की होती हैं | कस्वां ने सदन को
बताया की ड्यूटी के दौरान सेना के जवान या अधिकारी की मृत्यु हो जाने पर
उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता हैं, लेकिन पैरामिलिट्री फोर्सेज के नियम
के तहत ड्यूटी पर किसी जवान या अधिकारी की आतंकवादियों से मुठभेड़ या
दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता |
उन्होंने कहा की ऐसा ही कुछ इस बार मेरी गृह तहसील के जवान HC/GD रामनिवास
जो की 75 बटालियन, CRPF में श्रीनगर में हार्ड ड्यूटी पर थे के साथ हुआ,
जिन्होंने श्रीनगर में एक मुठभेड़ के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिए,
लेकिन भारत सरकार द्वारा इन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया गया, उनके ग्राम
के निवासी भी इसके लिए धरना प्रदर्शन व आन्दोलन कर रहे हैं | यह देश की
सेवा करने वाले पैरामिलिट्री के जवानों के साथ घोर अन्याय हैं |
उन्होंने
सरकार से अनुरोध किया कि सेना के जवानों व अधिकारीयों की तरह पैरामिलिट्री
की सभी शाखाओं BSF, CRPF, CISF, SSB व ITBP के जवानों व अधिकारीयों को भी
ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त होने पर शहीदों का दर्जा दिया जावे ताकि
उन्हें देश की तरफ से सच्ची श्रधांजलि दी जा सके |