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कौन बोला की पंद्रह माह से जेल में हूं, बेटी का रिश्ता भी टूट गया

खबर - अरुण मूंड
ठग से गाड़ी खरीदने वाला बंटी बोला-पंद्रह माह से जेल में हूं, बेटी का रिश्ता भी टूट गया
वैभवसिंह के बयानों से बंटी नहीं रखता कोई वास्ता
कहा-मुझे सर्वेयर बताकर कागज दिखाकर बेची थी गाड़ी
झुंझुनूं की गाड़ी भी खरीदने की नहीं भर रहा है हामी 
अब पुलिस आमने-सामने बैठाकर करेगी पूछताछ
झुंझुनू।
झुंझुनू में जाली डिमांड ड्राफ्ट देकर कार उड़ाने वाले वैभवसिंह के साथी बंटी सरदार को कोतवाली पुलिस मुरादाबाद से ले आई है। प्रोडक्शन वारंट पर लाई पुलिस केा दिल्ली में कबाड़ी का धंधा करने वाले बंटी सिंह ने बताया कि सूट-बूट पहने, टाई-शाई लगाए इंश्योरेंस कंपनी का सर्वेयर बनकर आया था। बोला, एक यूपी नंबर की एक्सीडेंट हुई गाड़ी है, बेचनी है। गाड़ी भी दिखाई और कागजात भी। कबाड़ी हूं साहब, छह क्लास तक ही पढ़ा हूं। दिल्ली के मायापुरी में काम करता हूं। पुरानी और एक्सीडेंट हुई गाडिय़ां खरीदना पुश्तैनी पेशा है। करीब सवा लाख रुपए में इससे एक वही गाड़ी खरीदी थी। मुझे क्या पता था गाड़ी चोरी की है। पुलिस आई तब पता चला। मैंने पुलिस को गाड़ी बेचने वाले द्वारा दिए गए यूपी नंबर के कागजात दिखाए तो उन्होंने बताया कि कागजात नकली हैं। इसमें मेरा क्या कसूर है साहब। मैंने खुद पुलिस को गाड़ी के इंजन वगैरह बरामद कराए थे और मुझे ही गिरफ्तार कर लिया गया। गौरतलब है कि पुलिस ने सूरजगढ़-फरीदाबाद के वैभव सिंह उर्फ बिहारी सिंह पुत्र उदयसिंह चौहान से चोरी की गाड़ी खरीदने के आरोप में उसे मुरादाबाद में गिरफ्तार किया गया था। झुंझुनूं कोतवाली पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। बंटी सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने वैभव सिंह से एक ही गाड़ी खरीदी थी। इधर, शातिर ठग वैभव सिंह का कहना है कि उसने आठ गाडिय़ां बंटी सिंह को बेची हैं। शातिरठग से चोरी की गाड़ी खरीदने वाले बंटी सिंह ने झुंझुनूं कोतवाली में बातचीत के दौरान बताया कि उसने किसी को पहचानने में पहली बार धोखा खाया है। ठग सूट-बूट पहनकर आया था इसलिए पहचान नहीं पाया और उससे गाड़ी खरीद ली। गिरफ्तारी के बाद बाप-दादाओं की कमाई इज्जत तो मिट्टी में मिल ही गई, बेटी का रिश्ता भी टूट गया। पिछले साल ही रिश्ता पक्का किया था।  बंटीसिंह रुंधे गले से बोल रहा था, पिछले 15 महीनों से जेल में हूं, अब जीने का मन नहीं करता। आखिर ऐसा क्या गुनाह कर दिया। क्या पता था कि गाड़ी चोरी की है। मैं तो वैभव सिंह को जानता तक नहीं था। वैभव सिंह द्वारा की गई अन्य वारदातों में मेरा नाम भी नहीं है। सिर्फ एक ही गाड़ी खरीदी थी वह भी चोरी की निकली। मैं तो कबाड़ी है और पुरानी एक्सीडेंटल गाडिय़ां खरीदता हूं। चोरी की गाडिय़ां नहीं खरीदता। यह मैं पुलिस को बार-बार कह चुका हूं।