खबर - मो आरिफ चंदेल
इस्लामपुर. सौंथलिया कोठी में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को कथावाचक कमल महाराज ने समुंद्रमंथन, वामन अवतार, रामअवतार और कृष्ण जन्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। महाराज ने बताया कि पृथ्वी पर जब पाप बढ़ जाता है तो भगवान कृष्ण अवतार लेकर पधारते हैं। दैत्यों के राजा बलि ने जब देवताओं से स्वर्गलोक छीन लिया था तो माता अदिति के गर्भ से भगवान 52 अवतार लेकर पधारते हैं। भगवान 52 अवतार धारण करके राजा बलि से सब-कुछ छीन लेते हैं और पृथ्वी से पापों का संहार करने में लग जाते हैं। कथा के अंत में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया और भगवान कृष्ण की सजीव झांकी सजाई गई। कृष्ण के जन्म लेते ही सारा पांडाल गोविंद म्हारो है, गोपाल म्हारो है जैसे जयकारों से गूंज उठा।
इस्लामपुर. सौंथलिया कोठी में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को कथावाचक कमल महाराज ने समुंद्रमंथन, वामन अवतार, रामअवतार और कृष्ण जन्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। महाराज ने बताया कि पृथ्वी पर जब पाप बढ़ जाता है तो भगवान कृष्ण अवतार लेकर पधारते हैं। दैत्यों के राजा बलि ने जब देवताओं से स्वर्गलोक छीन लिया था तो माता अदिति के गर्भ से भगवान 52 अवतार लेकर पधारते हैं। भगवान 52 अवतार धारण करके राजा बलि से सब-कुछ छीन लेते हैं और पृथ्वी से पापों का संहार करने में लग जाते हैं। कथा के अंत में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया और भगवान कृष्ण की सजीव झांकी सजाई गई। कृष्ण के जन्म लेते ही सारा पांडाल गोविंद म्हारो है, गोपाल म्हारो है जैसे जयकारों से गूंज उठा।
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