सोमवार, 25 दिसंबर 2017

कल हिलेगा बीकानेर !

खबर - जयनारायण बिस्सा
सरकार को चेताया
बीकानेर।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की ओर से हुई फीस वृद्धि के विरोध में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा व अन्य छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल व पूर्व मंत्री डॉ बी डी कल्ला,एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यू पूनिया सहित कई नेताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार ने इन छात्र नेताओं की मांगे नहीं मानी तो कल बीकानेर हिलेगा। छात्र- नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में 26 दिसम्बर को जिला कलक्ट्रेट पर महापड़ाव प्रारम्भ किया जाएगा। इसमें खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल भी शामिल होंगे। छात्रों की जायज मांगें नहीं मानी जाती है तो कलक्ट्रट पर अनिश्चित कालीन पड़ाव डालेंगे। डूंगर महाविद्यालय के छात्र संघ उपाध्यक्ष मनीष डेलू ने बताया कि जब तक विश्वविद्यालय फीस वृद्धि को वापस नहीं लेता तब तक यह आंदोलन जेल में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लगाया गया मुकदमा वापस न लेने, फीस वृद्धि वापस नहीं लेने तथा लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करने तक आंदोलन जारी रहेगा।  गौरतलब रहे कि 22 दिसम्बर को  परीक्षाशुल्क में बढ़ोतरी का विरोध करने महाराजा गंगा सिंह विवि पहुंचे एनएसयूआई के छात्रों पर शुक्रवार को पुलिस ने डंडे बरसाए और 10 छात्रों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। परीक्षा शुल्क बढ़ोतरी को लेकर पिछले 17 दिन से डूंगर कॉलेज में धरने पर बैठे छात्र शुक्रवार को दोपहर दो बजे विवि पहुंचे। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा के नेतृत्व में छात्रों ने कुलपति सचिवालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन किया और नारे लगाए। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्रों की नाराजगी को देखते हुए पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की विवि प्रशासन से वार्ता करवाई। कुलपति की अनुपस्थिति में कुलसचिव भंवर सिंह चारण से छात्रों की वार्ता हुई। वार्ता में 100 रुपए बढ़ाए शुल्क को वापस लेने पर सहमति नहीं बनी। गुस्साए छात्रों ने सचिवालय के बाहर फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों की पुलिस से भी धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस ने डंडे बरसाकर छात्रों को खदेड़ा। मौके से शांतिभंग के आरोप में एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा सहित दस छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। नाल थाना एसएचओ धरम पूनिया ने बताया कि गिरफ्तार किए गए छात्रों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।


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