बुधवार, 20 दिसंबर 2017

डॉ. भूमिगत, अस्पताल खाली, मरीज हुए बेहाल

खबर - जयंत खांखरा
खेतड़ी-सेवारत चिकित्सक संघ के 18 तारीख से हड़ताल पर जाने के मामले में सरकार ने चार दिन पहले ही डॉक्टरों की गिरफ्तारी अभियान चला दिया जिससे डॉक्टर खासे नाराज नजर आ रहे हैं। डॉक्टर भी 16 तारीख से सामूहिक अवकाश पर चले जाने के कारण मरिजों को काफी परेशानयों का सामना करना पड़ रहा है ।वहीं झोला छाप डॉक्टरों के वारे न्यारे हो रहे है। क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सक भी सेवारत डॉक्टर संघ के साथ हो गए हैं। खेतड़ी के राजकीय अजीत अस्पताल में बुधवार को भी कोई भी डॉक्टर नहीं आए। जिससे मरीज इधर उधर भटकते हुए नजर आए, चार दिन पहले जहा डॉक्टर टेंट लगाकर मरीज देख रहे थे वहां पर डॉक्टरों की कुर्सियां खाली देखकर मरीजों को खाली हाथ ही वापस घर लौटना पड़ा। करीब तीस किलो मीटर दुर से आई बङाऊ की किरण देवी का कहना है कि सुबह सात बजे गांव से चलकर अस्पताल आई लेकिन यहां पर डॉक्टर नही होने के कारण बिमार बच्चे को किस को दिखाऊ, एक तो पहले से ही बच्चे की बिमारी के कारण परेशान हो रही हुं उपर से अस्पताल में एक भी चिकित्सक नही है। मरीजों को काफी परेशानयों का सामना करना पड़ रहा है। वही सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रही खींचातानी के बीच मरीजों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। सरकार और डॉक्टर के बीच चल रही खिचाातान का खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। पैसे वाले तो फिर भी अपना उपचार निजी अस्पतालों में करवा सकते है लेकिन एक आम जन निजी चिकित्सकों के पास दवा तो दुर उनकी फिस देने में भी असमर्थ है। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान गरीब मरीजों को उठाना पड़ रहा है। देखा यह है कि इस जंग में सरकार झुकती है या चिकित्सक। जब तक दोनों में समझोता नही हो जाता तब तक मरना आम जन काे ही है।


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