खबर - मो आरिफ चंदेल
इस्लामपुर. सौंथलिया कोठी में चल रही भागवत कथा के छठे दिन सोमवार को कथावाचक कमल महाराज ने उद्धव चरित्र, भगवान का मथूरा गमन, कंश वध एंव रूकमणी विवाह पर विस्तार से प्रकाश डाला। महाराज ने बताया कि उद्धव एक बहुत बड़ा विद्वान था मगर वो प्रेमविहिन था और प्रेम नहीं जानता था। बिना प्रेम के विद्वता ऐसे है जैसे बिना सुगंध का फूल। प्रेम का आभास कराने के लिए भगवान ने उसे नंदगांव भेजा। वृंदावन में गोपियों का भगवान के प्रति प्रेम देखकर उद्धव भी प्रभावित हुआ और उसके अंतकरण में भी प्रेम की जागृति हुई। महाराज ने बताया कि प्रेम के बिना मनुष्य पशु के समान है। प्रेम ही एक ऐसा भाव है जो मनुष्य और पशु में अंतर करता है। महाराज ने प्रेम की धार को तलवार से भी तेज बताया और कहा कि प्रेम ही वो शक्ति है जिससे मनुष्य दूसरों के दिलों पर भी राज करता है। भागवत कथा के चलते इन दिनों संपूर्ण कस्बा भक्तिमय हो रहा है।
इस्लामपुर. सौंथलिया कोठी में चल रही भागवत कथा के छठे दिन सोमवार को कथावाचक कमल महाराज ने उद्धव चरित्र, भगवान का मथूरा गमन, कंश वध एंव रूकमणी विवाह पर विस्तार से प्रकाश डाला। महाराज ने बताया कि उद्धव एक बहुत बड़ा विद्वान था मगर वो प्रेमविहिन था और प्रेम नहीं जानता था। बिना प्रेम के विद्वता ऐसे है जैसे बिना सुगंध का फूल। प्रेम का आभास कराने के लिए भगवान ने उसे नंदगांव भेजा। वृंदावन में गोपियों का भगवान के प्रति प्रेम देखकर उद्धव भी प्रभावित हुआ और उसके अंतकरण में भी प्रेम की जागृति हुई। महाराज ने बताया कि प्रेम के बिना मनुष्य पशु के समान है। प्रेम ही एक ऐसा भाव है जो मनुष्य और पशु में अंतर करता है। महाराज ने प्रेम की धार को तलवार से भी तेज बताया और कहा कि प्रेम ही वो शक्ति है जिससे मनुष्य दूसरों के दिलों पर भी राज करता है। भागवत कथा के चलते इन दिनों संपूर्ण कस्बा भक्तिमय हो रहा है।
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