बांसवाड़ा-ऎतिहासिक एवं प्राचीन दिव्य तपोभूमि लालीवाव मठ में महन्तश्री नारायणदास महाराज की पन्द्रहवीं पुण्यतिथि पर लालीवाव पीठाधीश्वर महंतश्री हरिओमशरणदास महाराज के सान्निध्य में आयोजित दो दिवसीय समारोह शुक्रवार रात सम्पन्न हो गया।
समारोह के अन्तर्गत नीमच के पं. विष्णु शर्मा एवं आचार्य समूह के तत्वावधान में महन्तश्री नारायणदास महाराज की छत्री पर गुरुपादुका पूजन सहित मठ परिसर में विभिन्न अनुष्ठान हुए इनमें भक्तजनों ने हिस्सा लिया।
गुरु पादुका पूजन अनुष्ठान
इस मौके पर महाराजश्री के सानिध्य में प्रातः 9 बजे श्रीमहंत श्री नारायणदासजी महाराज की छत्री पर पादुका महापूजन सम्पन्न हुआ। इसमें गुरुगीता के पाठ, गुरु स्तवन और गुरुपूजा के विभिन्न अनुष्ठान हुए।
श्रीयंत्रार्चन एवं श्री विद्या अनुष्ठान
समारोह के अन्तर्गत आचार्य पं. समरथजी एवं आचार्य पं. श्री विष्णु शर्मा के आचार्यत्व में राजोपचार के साथ श्रीयंत्र पूजन एवं श्रीविद्या अनुष्ठान हुए। इसमें लालीवाव पीठाधीश्वर महंत हरिओमदास जी महाराज के साथ ही सियारामदासजी महाराज, पार्षद श्री विमल भट्ट, श्री प्रवीण गुप्ता, श्री महेश राणा, श्री सुखलाल तेली, साहित्यकार श्री हरीश आचार्य, श्री भंवरलालजी, सत्यनारायण सराफ, पुजारी फुलपुरी, मनोहर मेहता आदि भक्तजनों ने श्रीयंत्र एवं श्री विद्या अनुष्ठान में हिस्सा लिया और विभिन्न उपचारों के साथ श्रीयंत्रार्चन किया। इसके साथ ही विभिन्न यंत्रों का पूजन भी किया गया।
महारुद्राभिषेक की रही गूंज
इस अवसर पर शुक्रवार रात प्रदोष मण्डल की ओर से मठ परिसर में महारूद्राभिषेक अनुष्ठान हुआ। इसमें बड़ी संख्या में पण्डितों ने रूद्राभिषेक एवं शैव अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इसके उपरान्त भगवान श्री पद्मनाभ भगवान के समक्ष महाआरती हुई।
रात्रि में महाप्रसादम (भण्डारा) हुआ जिसमें देर रात तक बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय भक्तजनों सहित गुजरात एवं मध्यप्रदेश के भक्त परिवारों ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय
समारोह के दौरान लालीवाव मठ के प्रधान देवता श्री पद्मनाभ भगवान सहित सभी देव प्रतिमाओं का मनोहारी श्रृंगार आकर्षण का केन्द्र रहा। हनुमान, रूद्र और विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का भव्य श्रृंगार किया गया।
समारोह के अन्तर्गत नीमच के पं. विष्णु शर्मा एवं आचार्य समूह के तत्वावधान में महन्तश्री नारायणदास महाराज की छत्री पर गुरुपादुका पूजन सहित मठ परिसर में विभिन्न अनुष्ठान हुए इनमें भक्तजनों ने हिस्सा लिया।
गुरु पादुका पूजन अनुष्ठान
इस मौके पर महाराजश्री के सानिध्य में प्रातः 9 बजे श्रीमहंत श्री नारायणदासजी महाराज की छत्री पर पादुका महापूजन सम्पन्न हुआ। इसमें गुरुगीता के पाठ, गुरु स्तवन और गुरुपूजा के विभिन्न अनुष्ठान हुए।
श्रीयंत्रार्चन एवं श्री विद्या अनुष्ठान
समारोह के अन्तर्गत आचार्य पं. समरथजी एवं आचार्य पं. श्री विष्णु शर्मा के आचार्यत्व में राजोपचार के साथ श्रीयंत्र पूजन एवं श्रीविद्या अनुष्ठान हुए। इसमें लालीवाव पीठाधीश्वर महंत हरिओमदास जी महाराज के साथ ही सियारामदासजी महाराज, पार्षद श्री विमल भट्ट, श्री प्रवीण गुप्ता, श्री महेश राणा, श्री सुखलाल तेली, साहित्यकार श्री हरीश आचार्य, श्री भंवरलालजी, सत्यनारायण सराफ, पुजारी फुलपुरी, मनोहर मेहता आदि भक्तजनों ने श्रीयंत्र एवं श्री विद्या अनुष्ठान में हिस्सा लिया और विभिन्न उपचारों के साथ श्रीयंत्रार्चन किया। इसके साथ ही विभिन्न यंत्रों का पूजन भी किया गया।
महारुद्राभिषेक की रही गूंज
इस अवसर पर शुक्रवार रात प्रदोष मण्डल की ओर से मठ परिसर में महारूद्राभिषेक अनुष्ठान हुआ। इसमें बड़ी संख्या में पण्डितों ने रूद्राभिषेक एवं शैव अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इसके उपरान्त भगवान श्री पद्मनाभ भगवान के समक्ष महाआरती हुई।
रात्रि में महाप्रसादम (भण्डारा) हुआ जिसमें देर रात तक बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय भक्तजनों सहित गुजरात एवं मध्यप्रदेश के भक्त परिवारों ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय
समारोह के दौरान लालीवाव मठ के प्रधान देवता श्री पद्मनाभ भगवान सहित सभी देव प्रतिमाओं का मनोहारी श्रृंगार आकर्षण का केन्द्र रहा। हनुमान, रूद्र और विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का भव्य श्रृंगार किया गया।
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