खबर - जितेश सोनी
राजस्थानी की पहली अनुवाद पत्रिका अनुसिरजण’ के लिए होगा सम्मान, साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं सहारण
चूरू। चूरू जिले भाड़ंग में जन्मे राजस्थानी के युवा लेखक-संपादक दुलाराम सहारण को जोधपुर के कथा संस्थान की ओर से ‘पारस अरोड़ा अपरंच पत्रकारिता सम्मान’ दिए जाने की घोषणा की गई है। सहारण को यह सम्मान राजस्थानी की पहली अनुवाद पत्रिका ‘अनुसिरजण’ तिमाही के उत्कृष्ट संपादन एवं राजस्थानी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा।
कथा संस्थान के सचिव मीठेश निर्मोही, अध्यक्ष जहूर खां मेहर एवं निदेशक चैनसिंह परिहार ने बताया कि राजस्थानी भाषा में साहित्यिक पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दिया जाता है। सहारण को यह सम्मान अप्रैल माह में जोधपुर में होने वाले एक भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। समारोह में सहारण के अलावा डॉ सत्यनारायण, प्रीता भार्गव, चरण सिंह पथिक, दिनेश पंचाल, ओम नागर, रामेसर गोदारा, नीरज दइया, शिवलाल, कमर मेवाड़ी को भी सम्मानित किया जाएगा।
चूरू जिले की तारानगर तहसील के ऐतिहासिक गांव भाड़ंग में 15 सितंबर 1976 को जन्मे दुलाराम सहारण राजस्थानी भाषा एवं साहित्य के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार सक्रिय हैं। मौलिक लेखन एवं अनुवाद संबंधी उल्लेखनीय कार्य के साथ-साथ उनकी अध्यक्षता में साहित्यिक संस्था ‘प्रयास संस्थान’ की ओर से साहित्यिक आयोजन, पुरस्कार, पत्रिका प्रकाशन जैसी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। संस्थान की ओर से राजस्थानी की पहली अनुवाद पत्रिका ‘अनुसिरजण’ के साथ-साथ ‘लीलटांस’ एवं ‘आलोचना शोध पत्रिका’ का भी प्रकाषन किया जाता है। सहारण की पहली पुस्तक ‘पीड़’ पर उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादेमी की ओर से राजस्थानी भाषा का पहला युवा पुरस्कार दिया जा चुका है। भारतीय भाषा परिषद, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर सहित विभिन्न संस्थाओं की ओर से दर्जनों बार सम्मानित-पुरस्कृत दुलाराम राजस्थानी के चर्चित कथाकार-संपादक हैं। दुलाराम सहारण को पुरस्कार की घोषणा पर अंचल के साहित्यकारों ने प्रसन्नता जताई है।
राजस्थानी की पहली अनुवाद पत्रिका अनुसिरजण’ के लिए होगा सम्मान, साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं सहारण
चूरू। चूरू जिले भाड़ंग में जन्मे राजस्थानी के युवा लेखक-संपादक दुलाराम सहारण को जोधपुर के कथा संस्थान की ओर से ‘पारस अरोड़ा अपरंच पत्रकारिता सम्मान’ दिए जाने की घोषणा की गई है। सहारण को यह सम्मान राजस्थानी की पहली अनुवाद पत्रिका ‘अनुसिरजण’ तिमाही के उत्कृष्ट संपादन एवं राजस्थानी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा।
कथा संस्थान के सचिव मीठेश निर्मोही, अध्यक्ष जहूर खां मेहर एवं निदेशक चैनसिंह परिहार ने बताया कि राजस्थानी भाषा में साहित्यिक पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दिया जाता है। सहारण को यह सम्मान अप्रैल माह में जोधपुर में होने वाले एक भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। समारोह में सहारण के अलावा डॉ सत्यनारायण, प्रीता भार्गव, चरण सिंह पथिक, दिनेश पंचाल, ओम नागर, रामेसर गोदारा, नीरज दइया, शिवलाल, कमर मेवाड़ी को भी सम्मानित किया जाएगा।
चूरू जिले की तारानगर तहसील के ऐतिहासिक गांव भाड़ंग में 15 सितंबर 1976 को जन्मे दुलाराम सहारण राजस्थानी भाषा एवं साहित्य के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार सक्रिय हैं। मौलिक लेखन एवं अनुवाद संबंधी उल्लेखनीय कार्य के साथ-साथ उनकी अध्यक्षता में साहित्यिक संस्था ‘प्रयास संस्थान’ की ओर से साहित्यिक आयोजन, पुरस्कार, पत्रिका प्रकाशन जैसी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। संस्थान की ओर से राजस्थानी की पहली अनुवाद पत्रिका ‘अनुसिरजण’ के साथ-साथ ‘लीलटांस’ एवं ‘आलोचना शोध पत्रिका’ का भी प्रकाषन किया जाता है। सहारण की पहली पुस्तक ‘पीड़’ पर उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादेमी की ओर से राजस्थानी भाषा का पहला युवा पुरस्कार दिया जा चुका है। भारतीय भाषा परिषद, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर सहित विभिन्न संस्थाओं की ओर से दर्जनों बार सम्मानित-पुरस्कृत दुलाराम राजस्थानी के चर्चित कथाकार-संपादक हैं। दुलाराम सहारण को पुरस्कार की घोषणा पर अंचल के साहित्यकारों ने प्रसन्नता जताई है।
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