खबर - जयंत खांखरा
पैतृक गांव ताल में किया गया सुपुर्द-ए-खाक
नम आंखों से शहीद शमशाद खान को दी अंतिम विदाई
खेतडी।
राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र अपने आप में एक अलग इतिहास समेटे हुए हैं
शेखावाटी क्षेत्र में खास करके झुंझुनू जिला जो कि पूरे भारतवर्ष ही नहीं
बल्कि पूरी दुनिया में सैनिकों के जिले के नाम से मशहूर है झुंझुनू जिले
में कई गांव ऐसे भी हैं जहां गांव के लोग चाहे वह हिंदू हो चाहे मुस्लिम
पीढ़ी दर पीढ़ी देश की सेवा करते आ रहे हैं यहां की माएँ लगता है कि यहां के
वीरों को लोरियों में ही देश सेवा का जज्बा सुना कर उनकी रग-रग में देश
सेवा का जज्बा भर देती है यहां के वीरों ने हर लड़ाई में दुश्मनों को अपनी
बहादुरी का लोहा मनवाया है चाहे वह कारगिल की लड़ाई हो या फिर 1971 की लड़ाई
हो या फिर अंग्रेजों को यहां से भगाने की लड़ाई हो झुंझुनू जिले के वीरों ने
अपनी बहादुरी का लोहा हर क्षेत्र में हर लड़ाई में मनवाया है और इसी कड़ी
में आज झुंझुनू जिले में एक और नाम जुड़ गया है जी हां हम बात कर रहे हैं
झुंझुनू जिले की खेतड़ी तहसील के माधवगढ़ ग्राम के ताल गांव के जवान शमशाद
खान की जो कि जम्मू-कश्मीर के उरी क्षेत्र में शहीद हो गए और आज उनका पूरे
राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव ताल में अंतिम संस्कार किया गया है
गौरतलब है कि जवान शमशाद खान जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में सीनियर हवलदार
के पद पर तैनात थे और बीते मंगलवार को उरी सेक्टर में ही सीमा पर देश की
चैकसी करते वक्त शहीद हो गए शहीद शमशाद खान के पिता अब्दुल हमीद खान भी
राजस्थान पुलिस में कार्यकाल के दौरान ही उनका इंतकाल हुआ था शहीद शमशाद
खान के पूरे परिवार में देश सेवा का जज्बा कूट कूट कर भरा हुआ है शहीद
शमशाद खान के पिता ने जहां पुलिस में रहकर देश की सेवा की वही शहीद शमशाद
खान के चाचा ताऊ भतीजे जो कि आज फौज में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं ऐसा
लगता है कि शहीद शमशाद खान के परिवार को देश सेवा का जज्बा जन्म घुटी में
पिलाया हुआ है शहीद शमशाद खान के साथ आए सूबेदार अयूब खान ने बताया कि हमें
अपने साथी शमशाद के ऊपर गर्व है और झुंझुनू जिले को भी हम सलाम करते हैं
जिसने देश को अनेकों सैनिक दिए हैं शहीद सूबेदार अयूब खान ने बताया कि शहीद
समशाद खान जो कि मंगलवार की रात्रि को अपने पांच साथियों के साथ जम्मू
कश्मीर के उरी सेक्टर में में देश की सीमा के ऊपर दुश्मनों से देश को बचाने
के लिए रात्रि गश्त में थे और गश्त के दौरान ही बर्फ धंसने से और बर्फ के
नीचे दबने से शहीद शमशाद खान की मृत्यु हुई है जिनका आज उनके पैतृक गांव
ताल में गॉड ऑफ ऑनर देकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
है शहीद शमशाद खान के बेटे सूफियान ने बताया कि मुझे अपने अब्बा के ऊपर
गर्व है जिन्होंने देश की सेवा करने के लिए देश को दुश्मनों से बचाने के
लिए हम लोगों को सुकून की नींद मिले इसलिए वह रात्रि गश्त के दौरान
दुश्मनों के सामने डटे रहने के लिए जो रात्रि गश्त कर रहे थे और गश्त के
दौरान मेरे अब्बा हुजूर शहीद हो गए देश के लिए मुझे अपने अब्बा हुजूर पर
बहुत गर्व है और मैं भी बड़ा होकर आर्मी में जाकर अपने देश की सेवा करना
चाहूंगा। खेतड़ी तहसील के विधायक पूरणमल सैनी ने कहा कि हमें हमारे गांव के
बेटे के ऊपर गर्व है हमारे गांव के बेटे शहीद शमशाद खान ने हिंदुस्तान को
दुश्मनों की नजर से बचाने के लिए और जो सीमा के ऊपर रात्रि गश्त के दौरान
अपने प्राणों की आहुति दी है उससे हमें शहीद शमशाद खान के ऊपर बहुत गर्व है
और हम से जो भी बन पड़ेगा हम शहीद के परिवार के लिए हमेशा करते रहेंगे