नवलगढ़:- दी आनन्दीलाल पोदार ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था सेठ जी.बी. पोदार काॅलेज के प्राणीशास्त्र स्नातकोत्तर विभाग के विद्यार्थियों द्वारा राजस्थान मध्य शीत ऋतु पक्षी गणना कोट बाँध पर की गई। कोट बाँध एक जल परिस्थतीय तन्त्र का महत्वपूर्ण अंग है। जिसमें अनेक जलीय पक्षी देश-विदेश से शीत ऋतु में प्रवास के दौरान इस क्षेत्र में आते हैं। इस गणना में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की 4 टीमें बनाई गई थी। इन टीमों ने जी.पी.एस. सिस्टम की सहायता से पक्षियों की गणना का कार्य किया। पक्षी गणना के लिए ‘‘लाइन ट्रांजिट’’ विधि का उपयोग किया गया।
गणना में करीबन 22 प्रकार के जलीय प्रजातियों के पक्षी मिले जिसमें गोडविट, ग्रीन शिंक, सेडपाईपर, लिटिल काॅरमेट, ढार हेडेड गुस्र, ग्रे हेरोन, इडियन पाॅड, हेरोन, सेड माॅट्रीन, राॅफइस टेल्ड लार्क, शेल डक, पिन टेल, मुख्य प्रजाति थी।यह प्रथम बार है कि शेखावाटी क्षेत्र में यह गणना पोदार काॅलेज, नवलगढ़ के प्राणीशास्त्र विभाग के विद्यार्थियों के माध्यम से कराई गई है। इस गणना टीम के साथ प्राणीशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दाऊलाल बोहरा व समस्त संकाय सदस्य भी मौजूद रहे। इन्होंने इस गणना कार्य के संबंध में विद्यार्थियों की सहायता की।
दी आनन्दीलाल पोदार ट्रस्ट के चेयरमैन कान्तिकुमार आर पोदार व ट्रस्टी सुश्री वेदिका पोदार का मानना है कि ऐसी गणना कार्य से प्राणीशास्त्र विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के पक्षियों की प्रजातियों की जानकारी मिलेगी। ऐसे क्रियात्मक कार्य वृहद स्तर पर काॅलेज में होते रहने चाहिए जिससे प्राणीशास्त्र के विद्यार्थियों को देशी-विदेशी पक्षियों की गणना कार्य करने की विधियाँ की जानकारी मिलती रहे। जिससें विद्यार्थियों के ज्ञान में अधिकाधिक वृद्धि हो सके।
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