सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

1047 अभ्यर्थियों ने रीट परीक्षा दे जताई अध्यापक की दावेदारी

खबर - पवन शर्मा
सूरजगढ़ । उपखंड मुख्यालय पर रविवार को राजस्थान पात्रता परीक्षा (रीट) का आयोजन हुआ। कस्बे के आरकेजेके बरासिया पीजी कॉलेज व टैगोर चिल्ड्रेन ऐकडमी स्कूल में राज्य भर में दूर दूर से आये करीब पंद्रह सौ अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र बनाये गए। दोनों सेंटरों में आयोजित हुई परीक्षा शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुई। दोनों ही परीक्षा केन्द्रो के बाहर सुबह से ही अभ्यर्थियों व उनके साथ आये परिजनों को जमावड़ा लगा रहा। इस दौरान चिड़ावा रोड पर यातायात भी प्रभावित रहा। बीईईओ महेंद्र सिंह भालोठिया ,थाना अधिकारी कमेलश चौधरी भी मातहतों के साथ मौके पर मौजूद रह स्थिति पर नजर बनाये रहे। बरासिया कॉलेज प्राचार्य डॉ रवि शर्मा ने बताया की केंद्र पर कूल 720 परीक्षार्थियों में 516 ने परीक्षा दी और शेष 204 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।  टैगोर स्कूल में प्राचार्य अनिल शर्मा ने बताया की केंद्र पर कूल 694 में से 531 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी और 163 अनुपस्थित रहे। परीक्षा केंद्र पर पेपर देकर बाहर आ रहे जयपुर से आये परीक्षार्थी वकील अहमद ,बेरी सीकर के सीताराम ,डूंडलोद की निकिता सहित अन्य परीक्षार्थियों ने इस वर्ष रीट परीक्षा में पूछे गए प्रश्न पत्रों को आसान बताया और कहा की इस बार सभी प्रश्न आसान ही थे मेरिट भी ज्यादा ही बनेगी।

जरुरत से अधिक अध्यापको के आने से बिगड़ी स्थिति 
कस्बे में रीट  के लिए बनाये गए परीक्षा सेंटरों पर आवश्यकता से अधिक अध्यापको की नियुक्ति होने से परीक्षा केंद्रों पर स्थिति भी बिगड़ी। बरासिया कॉलेज में परीक्षा केंद्र पर 73 परीक्षकों की आवश्यकता होने के बाद एग्जाम सेंटर पर करीब सवा सौ के करीब शिक्षको की ड्यूटी लगाए जाने से विवाद की स्थिति बन गई। अधिशेष अध्यापक ड्यूटी को लेकर परीक्षा केंद्र पर तैनात प्रभारियों के साथ  उलझते भी नजर आये। जानकारी के अनुसार परीक्षा से पूर्व अध्यापकों की इसको लेकर ट्रेनिग हुई थी और विभाग द्वारा अध्यापकों को परीक्षा केंद्र पर तैनाती के आदेश भी दिए गए थे लेकिन निर्धारित समय से पहले पहुंचे अध्यापकों को ड्यूटी पेपर होने के बाद भी सेंटर पर ड्यूटी नहीं दी गई जिससे नाराज होकर अध्यापकों ने अपनी नाराजगी दिखाई।  कुछ ऐसी ही हालत टैगोर चिल्ड्रेन स्कूल में भी देखने को मिली यहाँ भी अधिशेष रहे अध्यापको को दिक्क्तों का सामना करना पड़ा।

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