खबर - जयनारायण बिस्सा
कार्मिकों ने भी पार्षदों के खिलाफ की नारेबाजी, लगाया दबाव बनाने का आरोप
बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। नगर निगम सभागार में बुधवार को कार्यकारी समिति की बैठक होनी थी लेकिन बैठक का एजेंडा नहीं होने के कारण यह टल गई। इस बात लेकर पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। तीन साल में यह तीसरी बैठक होनी थी लेकिन महापौर को एजेंडा नहीं मिलने के कारण उन्होंने बैठक को टाल दिया। महापौर ने एजेंडे के लिए जब अधिकारियों को कहा तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अभी तक कोई एजेंडा तैयार नहीं है, आपने आज कहा है, सात दिन के अंदर एजेंडा तैयार हो जाएगा। अधिकारियों के इस जवाब के बाद एकबारगी माहौल काफी गरमा गया। इस मीटिंग में नगर निगम के आयुक्त भी नदारद रहे। इसके चलते कार्यकारी समिति के सभी सदस्य आयुक्त के कक्ष में पहुंचे और अपना विरोध जताया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम के अधिकारी व कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके चलते निगम की मीटिंगों व उसकी कार्यप्रणाली पर भी खासा असर पड़ रहा है। निगम आयुक्त ने भी पार्षदों को यही कहा कि जब एजेेंडा तैयार हो जाएगा, तब मीटिंग होगी और उसमें वे भी उपस्थित होंगे। इस दौरान एकबारगी माहौल काफी गरमा गया। कुछ पार्षदों ने निगम आयुक्त को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार ने कहा कि महापौर खुद अपने निगम को अपने पार्षदों को अपने प्रशासन को संभालने मे ंनाकाम हैं। इनको नैतिकता के आधार पर सामूहिक इस्तीफा दे देना चाहिए। कार्यकारी समिति की बैठक में भाग लेने के लिए व आयुक्त से मिलने वालों में नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार के अलावा ताहिर हुसैन, राजेन्द्र शर्मा, प्रेमरतन जोशी, दीनदयाल उपाध्याय, विनोद धवन, भावना गहलोत, पूजा भटनागर, सरला पडि़हार, राजा सेवग, राजेन्द्र पंवार, झंवरलाल, दाऊलाल सेवग सहित समिति सदस्य मौजूद थे। उधर इसी दौरान निगम परिसर में निगम कार्मिकों ने पार्षदों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। कार्मिकों का आरोप था कि निगम के पार्षद लगातार अधिकारियों पर हावी हो रहे हैं और कार्मिकों पर भी दबाव बना रहे हैं। कार्मिकों का आरोप था कि रोजाना किसी ना किसी बात को लेकर पार्षद निगम के कार्मिकों को धमकाते रहते हैं, ऐसे में निगम का कार्य खासा प्रभावित होता है।
कार्मिकों ने भी पार्षदों के खिलाफ की नारेबाजी, लगाया दबाव बनाने का आरोप
बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। नगर निगम सभागार में बुधवार को कार्यकारी समिति की बैठक होनी थी लेकिन बैठक का एजेंडा नहीं होने के कारण यह टल गई। इस बात लेकर पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। तीन साल में यह तीसरी बैठक होनी थी लेकिन महापौर को एजेंडा नहीं मिलने के कारण उन्होंने बैठक को टाल दिया। महापौर ने एजेंडे के लिए जब अधिकारियों को कहा तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अभी तक कोई एजेंडा तैयार नहीं है, आपने आज कहा है, सात दिन के अंदर एजेंडा तैयार हो जाएगा। अधिकारियों के इस जवाब के बाद एकबारगी माहौल काफी गरमा गया। इस मीटिंग में नगर निगम के आयुक्त भी नदारद रहे। इसके चलते कार्यकारी समिति के सभी सदस्य आयुक्त के कक्ष में पहुंचे और अपना विरोध जताया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम के अधिकारी व कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके चलते निगम की मीटिंगों व उसकी कार्यप्रणाली पर भी खासा असर पड़ रहा है। निगम आयुक्त ने भी पार्षदों को यही कहा कि जब एजेेंडा तैयार हो जाएगा, तब मीटिंग होगी और उसमें वे भी उपस्थित होंगे। इस दौरान एकबारगी माहौल काफी गरमा गया। कुछ पार्षदों ने निगम आयुक्त को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार ने कहा कि महापौर खुद अपने निगम को अपने पार्षदों को अपने प्रशासन को संभालने मे ंनाकाम हैं। इनको नैतिकता के आधार पर सामूहिक इस्तीफा दे देना चाहिए। कार्यकारी समिति की बैठक में भाग लेने के लिए व आयुक्त से मिलने वालों में नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार के अलावा ताहिर हुसैन, राजेन्द्र शर्मा, प्रेमरतन जोशी, दीनदयाल उपाध्याय, विनोद धवन, भावना गहलोत, पूजा भटनागर, सरला पडि़हार, राजा सेवग, राजेन्द्र पंवार, झंवरलाल, दाऊलाल सेवग सहित समिति सदस्य मौजूद थे। उधर इसी दौरान निगम परिसर में निगम कार्मिकों ने पार्षदों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। कार्मिकों का आरोप था कि निगम के पार्षद लगातार अधिकारियों पर हावी हो रहे हैं और कार्मिकों पर भी दबाव बना रहे हैं। कार्मिकों का आरोप था कि रोजाना किसी ना किसी बात को लेकर पार्षद निगम के कार्मिकों को धमकाते रहते हैं, ऐसे में निगम का कार्य खासा प्रभावित होता है।
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