गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

बेटी बचाओ अभियान की अगुवा सांसद संतोष अहलावत के घर पुत्री गार्गी की निकली बंदोरी

खबर -  पवन शर्मा
भाभियो ने भी लाडली ननद के किये देवर जैसे चाव 
सूरजगढ़। समाज के बदलते परिवेश और शिक्षा के विकास के कारण अब रूढ़िवादी परम्पराओ को जनता धीरे धीरे तिलांजलि देने लगी है जहां पहले बेटियों को समाज में बोझ समझा जाता था वही अब शिक्षा व जाग्रति से जनता की सोच में बदलाव आना शुरू हो गया है। इसका एक जीता जागता उदाहरण राजस्थान की एक मात्र महिला सांसद और झुंझुनू जिले की बेटी और बहु सांसद संतोष अहलावत है। झुंझुनू सांसद अपने राजैनितक जीवन की शुरुआत से पूर्व ही जिले में बेटियों को बचाने और उनमे शिक्षा के प्रसार के कार्य करती आ रही है।अपनी मेहनत और लग्न से शिक्षा के सफर से जीवन की शुरुआत करने वाली सांसद संतोष अहलावत ने समय समय  पर जनता के सामने मिशालें पेश की है। अब उनकी मिशाल और सोच से प्रभावित होकर ही जनता में बदलाव आना शुरू हो गया है अब लोग जिले भर में बेटियों को बेटो के समान दर्जा देने में जुटे है। चाहे पुत्री जन्म में कुँवा पूजन या देशोंठन हो या पुत्री की शादी में बेटों की भांति लाड चाव हो।जनता की सोच में बदलाव लाने वाली और बेटियों के सम्मान के लिए कार्य करने वाली सांसद संतोष अहलावत अपनी पुत्री गार्गी की शादी में भी कहां पीछे रहने वाली थी। इस बार सांसद संतोष अहलावत ने अपनी कथनी और करनी में अंतर का भेद मिटाते हुए अपनी लाड़ली पुत्री गार्गी की छह फरवरी को होने वाली शादी से पूर्व उसे घोड़ी पर चढ़ाकर उसकी बनोरी निकालने का सिलिसला जारी कर इसे सही साबित किया है। गुरुवार को भी वार्ड 12 में संतोष शिवनीवाल के निवास स्थान से सांसद संतोष अहलावत की पुत्री गार्गी की बनौरी निकाली गई। शिवानीवाल के निवास स्थान से शुरू हुई बनौरी कस्बे के मुख्य बाजार ,पुराने पोस्ट ऑफिस ,बुहाना चौराहे से होते निकली। बनौरी के दौरान घोड़ी पर दूल्हा बनी गार्गी प्रशन्न नजर आई। इस मौके पर पिता सुरेंद्र अहलावत ,भाभी पलक और दीक्षा समेत पालिका के पार्षदों और स्थानीय लोगो ने डीजे पर जमकर ठुमके भी लगाए। 

भाभियो ने उतारी आरती 
गार्गी की बनौरी जब सांसद आवास पहुंची तो वहां बड़ी भाभी पलक और छोटी भाभी दीक्षा ने उसे घोड़ी से उतार कर उसका तिलक लगाकर स्वागत किया। इस दौरान महिलाओ ने मंगलगीत भी गाये। गार्गी अहलावत ने बताया की जब वह पैदा हुई थी तब से उसकी माँ सांसद संतोष अहलवात बेटियों को बचाने और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने की मुहीम में जुटी हुई है। उसे भी उन्होंने अच्छी शिक्षा दिलवाई है गार्गी ने बताया की उन्होंने यूके के लीड्स यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढाई की है। वही सांसद की पुत्रवधु पलक और दीक्षा ने बताया की वे जब से शादी कर इस परिवार में आई है तब से ही उन्हें बेटी समझा जाता रहा है और बेटो से ज्यादा लाढ लड़ाया जा रहा है। हमें अपने कार्य के लिए पूरी आजादी है। दोनों बहुये कहती है की उनकी सास उनके लिए प्रेरणा है वे भी उनके जैसे ही कार्य करना चाहती है। हालांकि लोकसभा का बजट सत्र होने के कारण सांसद संतोष अहलावत इस दौरान मौके पर मौजूद नहीं थी लेकिन उन्हें दूरभाष पर पुत्री गार्गी को बधाई दी और कार्यक्रम में शामिल स्थानीय लोगो का भी आभार जताते हुए कहा की उन्हें ख़ुशी है की उनकी वर्षो से शुरू की गई मुहीम का असर अब चारों और दिखाई देने लगा है इसका ही नतीजा है की आज जिले में बेटियों के लिंगानुपात में बढ़ोतरी होने के साथ उनकी शिक्षा में भी काफी विकास हुआ है। समाज ने बेटियों के लिए पाली गई पुरानी रूढ़िवादी धारणाओं को अब त्यागना शुरू कर दिया है। 
    
पोती जन्म पर भी कर चुकी है कुँवा पूजन 
सांसद संतोष अहलावत के घर बेटियों के सम्मान का ये पहला उदाहरण नहीं है इससे करीब नौ माह पूर्व भी   
पोत्री जन्म पर बहु को कुँवा पूजन करवा जलवा मना चुकी है। आपको बता दे की सांसद के छोटे पुत्र तन्मय अहलावत की पत्नी दीक्षा के गत वर्ष हुई पुत्री के जन्मोत्सव पर भी सांसद अहलावत ने बहु को कुँवा पूजन करवा दशो ठन किया था।

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