उदयपुर-राजस्थान सरकार की ओर से राजस्थान के शहीद परिवारों को ब्लड रिलेशन के आधार पर राजकीय सेवा में नियुक्ति की सौगात दी गई है। यह बात राजस्थान राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने शनिवार को उदयपुर सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के ऐसे शहीद परिवार जहां उनके किसी भी सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई है उनमें आश्रित के द्वारा ब्लड रिलेशन रखने वाले किसी भी सदस्य यथा पोता, पोती, दोहिता, दोहिती अथवा भाई व बहन के परिवार में से शपथ पत्र के आधार पर नाम मनोनीत करने पर उसे सरकारी नौकरी का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पूव सैनिकों से वर्ष 1983 में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण में भूमि आवंटन के लिए मांगे गये आवेदन के आधार पर वर्ष 2006 में भूमि आवंटित की गई थी लेकिन आवंटन होने व कब्जा प्राप्त करने से पूर्व ही 622 भूतपूर्व सैनिकों का देहावसान होने से कब्जा नहीं मिल पाया था। अब उनके आश्रितों को यह कब्जा दिलाया जाएगा।
इसी प्रकार कारगिल युद्ध में शहीदों की वीरांगनाओं को 25 बीघा भूमि/एमआईजीएच का मकान अथवा 20 लाख रुपये नकद का प्रावधान किया गया था जिसमें 30 शहीद वीरांगनाओं को मकान आवंटित करने का भी मार्ग प्रशस्त कर दिया गया है। ऐसा करने वाला राजस्थान पहला प्रदेश है।
बाजौर का भामाशाही योगदान
राजस्थान राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने स्वयं के खर्चे पर राजस्थान में शहीदों की अष्टधातु की आदमकद मूर्तियां बनाकर शहीद परिवारों को उपलब्ध कराने का पुनीत दायित्व हाथ में लिया है। राजस्थान में 1100 शहीदों की मूर्तियां और लगाई जाएंगी। उन्होंने मूर्तियां स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन करते हुए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिन परिवारों द्वारा मूर्तियां नहीं लगाई जाती वहां स्मारक व शिलालेख स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के ऐसे शहीद परिवार जहां उनके किसी भी सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई है उनमें आश्रित के द्वारा ब्लड रिलेशन रखने वाले किसी भी सदस्य यथा पोता, पोती, दोहिता, दोहिती अथवा भाई व बहन के परिवार में से शपथ पत्र के आधार पर नाम मनोनीत करने पर उसे सरकारी नौकरी का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पूव सैनिकों से वर्ष 1983 में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण में भूमि आवंटन के लिए मांगे गये आवेदन के आधार पर वर्ष 2006 में भूमि आवंटित की गई थी लेकिन आवंटन होने व कब्जा प्राप्त करने से पूर्व ही 622 भूतपूर्व सैनिकों का देहावसान होने से कब्जा नहीं मिल पाया था। अब उनके आश्रितों को यह कब्जा दिलाया जाएगा।
इसी प्रकार कारगिल युद्ध में शहीदों की वीरांगनाओं को 25 बीघा भूमि/एमआईजीएच का मकान अथवा 20 लाख रुपये नकद का प्रावधान किया गया था जिसमें 30 शहीद वीरांगनाओं को मकान आवंटित करने का भी मार्ग प्रशस्त कर दिया गया है। ऐसा करने वाला राजस्थान पहला प्रदेश है।
बाजौर का भामाशाही योगदान
राजस्थान राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने स्वयं के खर्चे पर राजस्थान में शहीदों की अष्टधातु की आदमकद मूर्तियां बनाकर शहीद परिवारों को उपलब्ध कराने का पुनीत दायित्व हाथ में लिया है। राजस्थान में 1100 शहीदों की मूर्तियां और लगाई जाएंगी। उन्होंने मूर्तियां स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन करते हुए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिन परिवारों द्वारा मूर्तियां नहीं लगाई जाती वहां स्मारक व शिलालेख स्थापित किए जाएंगे।
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