मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 25 को

अनेक संपादकों को अर्पित किया जाएगा ‘राजस्थली सम्मान’
बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)।
लोक चेतना की राजस्थानी तिमाही ‘राजस्थली’ के  प्रकाशन के 40 वर्ष पूर्ण होने पर पत्रिका द्वारा 25 फ रवरी को राजस्थानी की  साहित्यिक पत्रकारिता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संस्कृति भवन,  श्रीडूंगरगढ में किया जाएगा । राजस्थली के प्रधान संपादक श्याम महर्षि ने  बताया कि आयोज्य संगोष्ठी में देश-भर में प्रकाशित होने वाली राजस्थानी  पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों एवं राजस्थानी साहित्यकारों के सान्निध्य में होने  वाली इस संगोष्ठी में राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता की दशा-दिशा और  संभावनाओं पर विमर्श होगा । संगोष्ठी के संयोजक रवि पुरोहित ने आयोजन  की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि प्रात: 10.30 बजे इप्टा के राष्ट्रीय  अध्यक्ष व संस्कृतिविज्ञ चिंतक रणवीर सिंह के सान्निध्य और प्रो. भंवरसिंह  सामौर की अध्यक्षता में होने वाले सत्र के मुख्य अतिथि  कवि-कथाकार-समालोचक श्याम सुंदर भारती होंगे । विषय प्रवर्तक के रूप में  बीज भाषण मालचंद तिवाड़ी का होगा । इस अवसर पर राजस्थानी में निरंतर  प्रकाशित हो रही  पत्र-पत्रिकाओं  माणक के संपादक पदम मेहता, बिणजारो के  नागराज शर्मा, राजस्थानी री पाती के आनंद पुरोहित, हथाई के भरत ओळा,  कथेसर के रामस्वरूप किसान, अपरंच के गौतम अरोड़ा, अनुसिरजण के  दुलाराम सहारण, लीलटांस के कुमार अजय, टाबरटोळी की कमलेश शर्मा,  सूरतगढ टाइम्स के मनोज स्वामी, शेखावाटी एक्सप्रेस के बृजेन्द्र अरड़ावतिया,  वरदा के डॉ. उदयवीर शर्मा  और युगपक्ष के उमेश सक्सेना को ‘राजस्थली’  सम्मान अर्पित किया जाएगा ।
राजस्थली के प्रकाशक लॉयन महावीर माली ने बताया कि प्रथम सत्र में  ‘राजस्थानी की साहित्यिक पत्रकारिता’ विषयक संगोष्ठी   कथाकार संपादक  भरत ओळा की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी । सत्र में चित्तौड़ के  कवि-समालोचक डॉ. रमेश मयंक और राजस्थानी के सुप्रसिद्ध कवि-व्यंग्यकार  शंकरसिंह राजपुरोहित पत्रवाचन करेंगे ।

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