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साँड़ के पेट से पचास किलो पॉलीथिन निकाल बचाई उसकी जान

खबर - पवन शर्मा 
सूरजगढ़ । राज्य भर में प्रतिबंध के बावजूद भी खुलेआम बिकने वाली पॉलथिन का कहर समाज को दूषित करने के साथ साथ पशुओ की मौत का कारण साबित हो रहा है। नगरपालिका क्षेत्र में भी खुलेआम हो रही पॉलीथिन की बिक्री व प्रयोग से यहाँ घूमने वाले पशु भी काल का ग्रास बन रहे है। ऐसी ही पीड़ा से पिछले डेढ़ माह से जूझ रहे आवारा सांढ़ को गौ सेवा सदस्यों की टीम ने मुक्ती दिलाई। दल के संजय चोटिया ने बताया कि कस्बे के एक गौ वंश के कई दिनों से बीमार होने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद गौ सेवा दल के सदस्य गोवंश को चाणक्य पूरी में संचालित हो रहे गौ अस्पताल में लेकर आए। यहाँ डॉ सवाई सिंह के नेतृत्व में टीम के रमेश सैनी ,मनीष सैनी ,प्रदीप सैनी ,दलीप भाटी ,नरेंद्र भाटी ,विक्रम सैनी ,संदीप ,हेमंत ,राहुल सैनी ,नितेश सैनी  ,रवि शर्मा ,कुणाल सहित अन्य सदस्यों ने तीन घंटे तक जटिल ऑपरेशन करते हुए उसके पेट से करीब पचास -साठ किलो प्लास्टिक की थैलिया व अन्य अपशिष्ट पदार्थ निकाल उसका जीवन बचाया। 

सरकार दे ध्यान 
इस दौरान मौके पर मौजूद सदस्यों ने बताया की पॉलीथिन केरी बेग के उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद भी धड़ल्ले से होने वाले प्रचलन सरकार व उसके नुमाइंदो की लापरवाही उजागर करता है। हालांकि की माननीय न्यायालय ने पॉलीथिन के संबंध में कड़े कानून व नियम बनाते हुए इसकी रोकथाम के लिए सरकार को शख्त निर्देश दिए है लेकिन प्रशासनीय लापरवाही से इनकी क्रियान्वती ठीक से नहीं हो पा रही है।सभी सदस्यों ने सरकार से पॉलीथिन उपयोग पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है।