बांसवाड़ा। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने विकास के नाम पर कोई राजनीति नहीं की। जनप्रतिनिधि चाहे किसी भी विचारधारा या दल से संबंधित हो हमने कोई भेदभाव किए बिना प्रदेश के सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकास कराया। उन्होंने कहा कि बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में 1200 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए गए हैं। राजे मंगलवार को बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी में बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ जनसंवाद कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की 31 पंचायतों में ग्रामीण गौरव पथ निर्माण के साथ-साथ मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत 143 गांवों में 5 हजार से अधिक कार्यों पर 34 करोड़ रुपए खर्च किए गए। साथ ही 54 ग्राम पंचायतों में स्कूलों को सीनियर सैकंडरी तक कमोन्नत किया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 12 हजार से अधिक कनेक्शन दिए गए हैं।
जनप्रतिनिधि के खिलाफ शिकायतों पर लिया त्वरित संज्ञान
जनसंवाद के दौरान कुछ लोगों ने एक स्थानीय जनप्रतिनिधि के खिलाफ सरकारी भूमि पर कब्जा करने, विद्यालय के लिए स्वीकृत राशि का दुरूपयोग करने, अनियमितता तथा एक पुल का अलाइनमेंट बदलने की मनमानी के गंभीर आरोप लगाए। कई स्तर पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। इस पर मुख्यमंत्री ने त्वरित संज्ञान लिया और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर अलाइनमेंट बदलने के बारे रिपोर्ट करने तथा सभी शिकायतों पर तुरंत जांच पूरी करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरोपी चाहे कोई भी हो कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
मनरेगा में गड़बड़ी की शिकायतों पर एफआईआर होगी
मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों की शिकायत पर कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों में हो रही गडबड़ी पर जिला कलक्टर से जवाब तलब किया। इस पर कलक्टर ने बताया कि दस ग्राम पंचायतों से संबंधित शिकायतों पर जांच की गई है और अब आरोपी सरपंचों तथा कार्मिकों से पैसा वसूलने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इन मामलों में संबंधित आरोपियों पर पुलिस एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। एक हैंडपंप मिस्त्री सुपरवाइजर की फर्जी डिग्री के मामले में भी मुख्यमंत्री ने जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
ग्राम सचिव के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी
मुख्यमंत्री के सामने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के बाद एक ग्राम सचिव रोडसिंह द्वारा दो करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान नहीं करने की शिकायत की गई। इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद एफआर लगा दी गई। इस पर मुख्यमन्त्री ने सख्त नाराजगी जाहिर की और प्रमुख शासन सचिव पंचायती राज तथा पुलिस अधीक्षक को कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।