Breaking News

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

अब मुस्करायेगा तरसता-तड़फता बचपन

खबर - अरुण मूंड 
विशेष श्रेणी के बच्चों के  लिए खुला रिहैबिलिटेशन सेंटर 
अब क्षेत्र के बच्चों को नही जाना पड़ेगा जयपुर, अहमदाबाद, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में
झुंझुनूं। शहर के चूरू रोड़ स्थित आर आर हॉस्पिटल के सामने जन्मजात मानसिक और शारिरिक अक्षमता वाले विशेष श्रेणी के बच्चों के लिये एक स्पर्श नामक रिहैबिलिटेशन सेंटर की शुरुआत रविवार को कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ नरोत्तम जांगिड़ एवं बीजेपी जिलामंत्री डॉ राजेश बाबल द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। इस सेंटर का खुलना न केवल झुंझुनूं बल्कि पूरे शेखावाटी के विशेष श्रेणी वाले बच्चों के लिये सौगात से कम नही है क्योंकि अब तक इन बच्चों के इलाज के लिये कोई रिहैबिलिटेशन सेंटर की उपलब्धता नही थी जिसके चलते उन्हें जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जाकर महंगे दामों पर इलाज कराना पड़ता था। झुंझुनूं में केन्द्र खुलने से आसानी से न्यूनतम लागत पर इलाज सम्भव हो सकेगा। साथ ही गरीब परिवार यानी बीपीएल परिवार के बच्चों का इलाज निःशुल्क भी किया जायेगा। कार्यक्रम में मौजूद जाने माने फिजिशियन डॉ कमलचंद सैनी ने बताया कि जिले में बहुत सारे विशेष श्रेणी के बच्चे है जो सेंटर के अभाव में इलाज से वंचित रह जाते है। इस सेंटर के खुलने से स्पर्श रिहैबिलिटेशन सेंटर के प्रभारी डॉ सन्दीप रुहेला ने बताया कि सेन्टर पर इलाज के लिये दिल्ली से प्रशिक्षित विशेषज्ञ डॉ चंचल को नियुक्त किया गया है जो नियमित सेवाएं देंगी। डॉ सन्दीप ने बताया कि वर्तमान में सेंटर नही होने से बहुत से बच्चे इलाज से वंचित रह जाते है बहुत कम है जो बाहर बड़े शहर में रुक कर इलाज करा पाते है। ऐसे में स्पर्श रिहैबिलिटेशन सेंटर का उद्देश्य सभी बच्चों को जिले में ही न्यूनतम लागत पर इलाज उपलब्ध करवाना है। इस अवसर पर आरसीएचओ डॉ दयानंद सिंह, बीसीएमओ डॉ मनोज डूडी, आर आर हॉस्पिटल के चैयरमैन राजेश रेवाड़ सहित अनेक चिकित्सक और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। 

इन बच्चों का होगा इलाज-शारीरिक विकास में देरी,गर्दन नही सम्भालना, पक्षघात,मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हाथो में कमजोर पकड़,पैरों में तिरछापन,मानसिक विकार या मंदबुद्धि, अति चंचलता,ऑप्टिज्म,डाउन सिंड्रोम, कमजोर यादाश्त,पढ़ाई में मन नही लगना एवं व्यवहार में समस्या वाले बच्चों को ऑक्यूपेशनल थेरेपी, फिजियोथेरिपी, प्ले थेरेपी, ग्रुप थेरेपी एवं स्पीच थेरेपी के माध्यम से इलाज किया जायेगा।