खबर - अरुण मूंड
सहकारी कर्मचारियों को ऋण माफी में शामिल ना करने से नाराज, जिप सदस्य दिनेश सुंडा के नेतृत्व में मिले एडीएम से
झुंझुनूं-सरकार द्वारा किसानों के लिए 50 हजार रुपए तक के ऋण माफ किए जाने की योजना पर ग्रहण लग सकता है। दरअसल सहकारी समितियों के द्वारा किसानों को यह ऋण माफी प्रमाण पत्र दिए जा रहे है। लेकिन इन्हीं समितियों के कर्मचारी सरकार से नाराज है और 11 जून से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। बुधवार को जिला परिषद सदस्य एवं ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश सुंडा की अगुवाई में सहकारी कर्मचारी संघ ने शहीद स्मारक में बैठक की। जिसमें सामने आया कि सरकार ने ऋण माफी योजना से सहकारी कर्मचारियों को दूर रखा है। जबकि सहकारी कर्मचारियों को नाम मात्र का वेतन दिया जाता है। साथ ही उन्हें राज्य कर्मचारी भी नहीं माना जाता। इस तरह से हर तरह से इन कर्मचारियों के साथ अनदेखी हो रही है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार इस नियम को यदि वापिस नहीं लेती तो कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करेंगे। इसके बाद कर्मचारियों ने एडीएम एमआर बागडिय़ा के जरिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें समिति कर्मचारियों को नियोक्ता निर्धारित करने व व्यवस्थापक, सहायक व्यवस्थापक और सेल्समैन जो कि स्क्रीनिंग से वंचित है उनकी स्क्रीनिंग करने की मांग की गई। साथ ही ज्ञापन में ऋण माफी के लिए जारी किए गए प्रपत्र 12 और 13 का बहिष्कार करने की जानकारी भी दी गई है। इस मौके पर राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामसिंह डूमरा व सचिव नवनीत खीचड़ के अलावा महेश सीगड़, राकेश मेहरादासी, जुगलाल मालसर, रामनाथ सीगड़ा, ओमप्रकाश सुरा, बाबूलाल मंगावा, सतीशकुमार, भरत कुलहरि, ताराचंद, बाबूलाल मंडावा, राजेश जाखड़ नूआं, बाबूलाल खेतड़ी, राजेश जांगिड़ वाहिदपुरा, महेंद्र डूमरा तथा रितेश सुंडा आदि मौजूद थे।