खबर - पवन शर्मा
सूरजगढ़। झुंझुनूं जिले के वीरो की गाथा यहां के लोक गीतो में दिखाई देता है। अपनी बहादुरी का लोहा मनवाले वाले सैकड़ो जवानो की वीर गाथा यहां की माटी के कण कण में बसी हुई है। इन्ही वीरो में एक सूरजगढ़ थाने के पुलिस कांस्टेबल चन्दभान का नाम भी आता है जिसने बैंक डकैतो से निहत्थे ही जूझकर बहादूरी का परिचय देते हुए शहादत को गले लगाया। शनिवार को उसी वीर बहादुर के आठवें शहादत दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया। तहसीलदार मांगेराम पूनिया,प्रधान शुभाष पूनिया ,पूर्व पालिकाध्यक्ष सुरेश शर्मा व सूरजगढ थानाधिकारी कमलेश चौधरी के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों व स्थानीय लोगो ने थाने के पास बने शहीद स्मार्क पर शहीद चन्द्रभान की प्रतिमा पर पुष्प चढाते हुए उन्हें नमन कर श्रद्धांजली दी। इस दौरान शहीद के पुत्र अक्षय का पुलिस स्टाफ व शहीद चंद्रभान स्मारक समिति की ओर से सम्मान भी किया गया। इस मौके पर थानाधिकारी कमलेश चौधरी ने बताया की शहीद कांस्टेबल चंद्रभान राजस्थान पुलिस के प्रथम पुलिस शहीद हुए है उनकी शहादत ने हमें गौरवांतित किया वे हम पुलिस जवानो के लिए एक प्रेरणा है उनकी बहादुरी व जज्बे के चलते हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। प्रधान शुभाष पूनिया ,तहसीलदार मांगेराम पूनिया ,पूर्व चैयरमेन सुरेश शर्मा ने भी कार्यकम के दौरान अपने वक्तव्य देते हुए ने कहा कि शहीद का सम्मान करना हर एक हिंदुस्तानी का धर्म होता है। इसे किसी समाज,परिवार या पार्टी से जोड़कर ना देखा जाए। शहीद चंद्रभान हमारे पुलिस के जवानों में एक प्रेरणा है। जिस तरह से चन्द्रभान ने अपना फर्ज निभाते हुए बैंक लुटरों को पकडऩे में अपने प्राणों को न्योछावर किया था। उसके इस बहादुरी के जज्बे को पुलिस का हर एक जवान और देश का युवा सलाम करता है।
यूँ हुए थे शहीद चंद्रभान
घटना 9 जून 2010 की है जब सूरजगढ थाना पुलिस को सूचना मिली की बलौदा गांव की बड़ौदा बैंक में चार हथियार बंद लूटरो ने बैंक को लूट कर फरार हो रहे है। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस हरकत में आई और क्षेत्र की नाकाबंदी करवा दी। इस बीच सूरजगढ थाने के कांस्टेबर चन्द्रभान किसी मामले की तामील के लिये काजला गांव की और गए हुऐ थे। थाने से मिली सूचना के बाद कांस्टेबर चंन्द्रभान ने अपनी बाईक पर सवार होकर काजला गांव के कच्चे रास्ते पर पत्थरो के सहारे रास्ता जाम कर दिया। इस बीच गांव के ही कुछ युवा भी मौके पर पहुच जाते है। इसी बीच लूटरो की गाड़ी आती दिखाई पड़ती है। कांस्टेबर बिना किसी भय के रास्ते पर मोटरसाईकिल खड़ी कर लूटरो का रास्ता रोकखड़े हो जाते गये। हथियार बंद लूटेरे फरार होने की कोशिश करते है मगर चन्द्रभान चलती गाड़ी से एक लूटेरे को धर दबोचते है जिसके बाद अन्य एक और लूटेरा अपने साथी को छुड़ाने की कोशिश करता है मगर चन्द्रभान की ताकत के सामने नही टिक पाता है। अपने साथी को छुड़ाने के लिये एक लूटेरा पिछे से चन्द्रभान के सिर में गोली दाग देता है। चन्द्रभान को गोली लगते देख मौके पर मौजूद ग्रामीण आक्रोशित जाते है और लूटरो पर धावा बोल देते है। इसी बीच आसपास के थानो की पूलिस भी मौके पर पहुच जाती है जिसके बाद काफी देर तक फायरिंग शुरू होती है। दोनो और से चली गोलियो में एक लूटेरे की मौके पर मौत हो जाती है बाकि तीन गोली लगने से घायल हो जाते है। इस बीच घायल चंद्रभान को चिड़ावा अस्पताल लाया जाता है मगर तब तक वो दम तोड़ देते है। अपने सिपाही की शहादत पर जिले की पुलिस राज्य सरकार से शहीद का दर्जा देने की मांग करती है और राज्य सरकार पुलिस के जवान की शहादत को देखते हुऐ पूर्ण शहीद का दर्जा प्रदान करती है।
ये रहे मौजूद
शनिवार को पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजली कार्यक्रम में पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बलबीर राव ,पार्षद रणधीर सिंह ,भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष छैलूराम भड़िया ,जिप सदस्य सोमवीर लांबा ,पिलोद सरपंच चिरंजीलाल शर्मा ,मोतीलाल बासिया ,रोहिताश वर्मा ,लक्ष्मीनारायण शर्मा ,नरेन्द्र सिंह शेखावत,हैड कांस्टेबल मक्खनलाल ,सुनील कुमार,राजकुमार ,कांस्टेबल अमीत कुमार,विकास कुमार ,सहीराम ,धर्मवीर ,सुमेर सिंह ,महेंद्र शर्मा सुरेन्द्र कुमार भाटिया,अशोक सैन सहित कस्बें के गणमान्य लोग एवं पुलिस के जवान मौजूद थे।