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अमृतवाणी कार्यक्रम में आये हुये लोगो ने देखी चालीस देशो की मुद्रा की प्रदर्शनी को

चालीस देशो की मुद्रा की प्रदर्शनी लगी नवलगढ में 
नवलगढ-कस्बे के चुणा चैक में स्थित श्री राणी सति मंदिर में रविवार को चालीस देशो के मुद्रा की प्रदर्शनी लगाई। इस प्रदर्शनी में भारत सहित 40 चालीस देशो में चलन व अचलन मुद्राओ की प्रदर्शनी लगाई। नवलगढ निवासी शिवभगवान गोयनका को भारत सहित देशो की मुद्राओ से इस कदर प्रेम है कि देशो की मुद्राओ को इस कदर सजा कर रख रखा जिस प्रकार से लोगो ने आभूषणो को सजाकर रखते है। शिवभगवान गोयनका ने भारत में लगभग सौ साल से पहले लेकर अब तक के सिक्को व नोटो को यादगार के लिये सुरक्षित रख रखा है। मुद्राओ को इस तरह से यादगार में बना रखा है कि वे किसी तरह से कट फट नहीं सके। इन सभी नोटो को अलग देश की मुद्राओ के साथ में सजा कर रख रखा कि उन्हे आसानी से पहचाना जा सकता है।
 भारत में पहले चलने वाले एक पैसा, दो पैसा, पच्चीस पैसै, पचास पैसै, एक रूपया का सिक्का, एक रूपये का नोट, दो रूपये का नोट, पाॅच रूपये का नोट,दस रूपये का सिक्का, दस रूपये का नोट, बीस रूपये का नोट, पचाय रूपये का नोट, सौ रूपये का नोट, पाॅच सौ रूपये का नोट, एक हजार के नोट सहित भारत मे चले चाॅदी, पीतल व अन्य सिक्को व नोटो को यादगार के रूप में संजोकर रखने के लिये अलग -अलग देशो के अलग फोल्डर बना रखा है। शिवभगवान गोयनका ने भारत, नेपाल, कुवैत, चाईना, फां्रस, इराक, इटली, सीरिया, भूटान,युएई, ब्राजील, हंगरी, जोईन, जेदाह, स्पेन, थाईलेण्ड, मलेशिया, अमेरिका, आस्टेªलिया, सउदी अरब, मारीशस, पाकिस्तान, बांगलादेश, हांगकांग, इंगलेण्ड, नीरदलेण्ड, श्रीलंका, बहरीन, बेलजीया, लेबनान, मस्कट,आस्ट्रीया,उजेकिस्तान की मुद्रा सहित भारत में करीब सौ साल से पहले अब तक चले सिक्के व नोटो का संग्रहित कर रखा हैं। वही प्रदर्शनी के दौरान युवा नेता विक्रमसिंह जाखल, युवा नेता गजानन्द सैनी, के के डीडवानिया, मुरलीमनोहर चोबदार, राममोहन सेकसरिया, संजय कुमार अग्रवाल, हरीसिंह सोलंकी, विशाल पण्डित, ऋषभ मुरारका, श्यामबिहारी शर्मा,अर्जुनसिंह साखणिया,विनोद कुमावत परसरामपुरा,लक्ष्मणराम स्वामी, रवि कुमार भूत, ओमप्रकाश जोशी, वीएन रस्तोगी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।