खबर - कुमार अजय
जयपुर/चूरू। राजस्थान के एवरेस्ट विजेता गौरव शर्मा ने एक बार फिर अपने अदम्य साहस और पर्वतारोहण कौशल का परिचय देते हुए बर्फीले तूफान के बावजूद 6 हजार 110 मीटर ऊंचे हिमालय के दुर्गम शिखर पर विजय हासिल की है। गौरतलब है कि गत 25 जून को जयपुर से बारह सदस्यीय भारतीय पर्वतारोही दल हिमालय के 6110 मीटर (बीस हज़ार एक सौ एक फ़ीट) पर आरोहण के लिए रवाना हुआ था। लाहौल स्पीति एवं लद्दाख की सीमा पर स्थित इस पर्वत शिखर के नीचे 28 जून को 15 हजार 400 फ़ीट पर बेस कैम्प स्थापित किया गया। 30 जून को 17 हजार 400 फ़ीट की ऊंचाई पर चट्टानों के मध्य शिविर-प्रथम स्थापित किया गया। 1 एवं 2 जुलाई को मौसम खराब रहा। पर्वतारोही दल ने बेस कैम्प से वापस 3 जुलाई को चढ़ाई आरंभ की और शिविर-प्रथम पर पहुँचे। अचानक मौसम ने फिर करवट बदली और 3 एवं 4 जुलाई को लगातार बर्फबारी ने शिविर-प्रथम को बर्फ से ढक दिया। एवरेस्ट फतह कर चुके गौरव शर्मा के नेतृत्व में 12 सदस्यीय दल में से 9 आरोहियों को शिखर आरोहण हेतु चयनित किया गया। 5 जुलाई की प्रातःकाल 5 बजे शिविर-प्रथम से 9 सदस्यीय दल ने आरोहण शुरू किया। लगातार सरकती हुए चट्टानों पर चढ़ते हुए कई घंटे निकल गए। आरंभिक ग्लेशियर एवं आइस वाल को पार करने के पश्चात ताजी गिरी नर्म बर्फ में घुटनों तक पैर अन्दर जाने से मुश्किलें काफी बढ़ती गईं किन्तु टीम द्वारा आरोहण जारी रखा गया। दोपहर सवा बारह बजे (12ः15 ) बजे 19 हजार 200 फ़ीट की ऊंचाई पर अचानक मौसम बदला और पूर्व से स्नो बलीज़ार्ड (तेज बर्फीली हवा/बर्फीले तूफ़ान) आरम्भ हो गया। उस वक्त दल आरोहण के समय एक चट्टान की ओट में विश्राम कर रहा था। अचानक आये तूफान खड़े होना भी मुश्किल हो रहा था। दल ने देरी ना करते हुए श्यामलाल के नेतृत्व में वापस उतारना शुरू कर दिया। अपने अनुभव के आधार पर क्लाइमिं्बग लीडर गौरव शर्मा ने अपने साथी वीरेंद्र सिंह को साथ लिया और आरोहण जारी रखा। तकरीबन 900 फ़ीट की खड़ी चढ़ाई और बांयी ओर से आ रही तेज बर्फीली हवाओं ने दोनांे आरोहियों के हाथों की अंगुलियों को सुन्न कर दिया और उनमें पीड़ा शुरू हो गयी। लेकिन दोनों ने लगातार रूट सेट करते हुए चढ़ाई जारी रखी और दोपहर 2 बजकर 30 मिनट (अढ़ाई बजे) वे शिखर पर पहुंचे और भारतीय तिरंगे को फहरा दिया। तिरंगे के साथ ही उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान, डाॅटर्स आर प्रीशियस और संकल्प से सिद्धि के संदेश के बैनर को भी फहराया। वहां उन्होंने पूजा की और फोटोग्राफी की। तक़रीबन 35 मिनट शिखर पर बिताने के बाद वे उतरते हुए सायं 7 बजे शिविर-प्रथम पर सुरक्षित पहुंचे, जहां पहले से ही दल उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। मुख्य रूप से मौसम के खराब रहने, मोबाइल नेटवर्क का उपलब्ध ना होने एवं सेटललाइट फोन का देश में निषेध होने के कारण सफल आरोहण की सूचना विलम्ब से प्राप्त हुई।
गौरतलब है कि 25 जून को राजस्थान युवा बोर्ड द्वारा आयोजित फ्लैग आॅफ कार्यक्रम के तहत राजस्थान युवा बोर्ड के अध्यक्ष भूपेंद्र सैनी, मैंनेजिंग डायरेक्टर, एन. एच. एम नवीन जैन, विशिष्ठ सचिव, राजस्थान सरकार डा. कृष्णा कान्त पाठक ने भारतीय तिरंगा देकर अपनी शुभकामनाओं सहित आधिकारिक रूप से राजस्थान के प्रथम पर्वतारोहण दल को रवाना किया था।
ये रहे पर्वतारोहण दल के सदस्य गौरव शर्मा, वीरेंद्र सिंह, जयंत शर्मा, नरेश सभरवाल, नीता शर्मा, अनिता अग्रवाल, उमेश बजाज, पंकज कुमार, श्यामलाल, खेमराज एवं अर्जुन।
‘‘कोई भी शिखर छोटा या बड़ा नहीं होता, कुदरत की विषमताएं हमें हर पल सीख देती हैं। इस अभियान की सफलता का श्रेय मैं अपनी टीम और भगवान के आशीर्वाद को देता हूं। हमारी टीम के हर सदस्य ने अपने हौसले और जीवट को हर क्षण कायम रखा। उन्हीं के सहयोग से ये अभियान सफल हो पाया है।“
-गौरव शर्मा, पर्वतारोही