खबर - जयंत खांखरा
खेतड़ी -मेहाड़ा गुर्जरवास व खरकड़ा में स्क्रब टाइपस के एक-एक रोगी मिले है। दोनों गांवों में बिमारी फैलने की सूचना पर पशु पालन विभाग व चिकित्सा विभाग की टीमों ने रोगीया की पहचान कर सर्वे शुरू कर दिया। आरआरटी टीम प्रभारी डॉ. महेंद्र सैनी ने बताया कि मेहाड़ा गुर्जरवास व खरकड़ा में इस बिमारी के एक- एक मरीज पाए गए है। जिनकी मौके पर जाकर उनकी जांच करवाई गई तो स्क्रब टाइपस की बिमारी से पीडित होना पाया गया। जानकारी के अनुसार स्क्रब टाइपस की बिमारी पशुओं में पाए जाने वाले जीवाणु से फैलती है। यह जीवाणू किसी व्यक्ति को काट ले तो स्क्रब टाइपस की बिमारी से पीडित हो जाता है। इस बिमारी में तेज बुखार, सर्दी लगना, चेहरा लाल हो जाना, सिर में तेज दर्द होना आदि लक्षण पाए जाते है। स्क्रब टाइपस की बिमारी के बचाव के लिए गांवों में साइपर मैथरिन नामक दवाई का छिड़काव करवाया जा रहा है, वही घरों में सर्वे करवाकर लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। टीम में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डॉ. सुनिता, डॉ. शिवकुमार, सुनिल सैनी, एबुलेंस चालक विनोद कुमार मिश्रा, अनिल कुमावत आदि शामिल थे।