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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का खराब होता ग्राफ

खबर - प्रशांत गौड़ 
-मुख्यमंत्री से सशक्त दिख रहे उपमुख्यमंत्री
-हर बात के लिए सीएम का जाना पड़ रहा है दिल्ली
जयपुर। विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को कठघेरे में खड़ा करने वाली कांग्रेस की दशा और भी खराब दिख रही है। सरकार को अपने हर निर्णयों के लिए आपसी गुटबाजी के चक्कर में दिल्ली दरबार में हाजिरी देनी पड़ रही है। यह तीसरी बार है जब आलकमान प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा कोन होगा,मंत्रीमंडल में चेहरे कौन होंगे इसके बाद मंत्रीपरिषद में कोनसे विभागों का वितरण किन मंत्रियों में होगा इसका निर्णय दिल्ली आलकमान कर रहा है। ऐसे में सीएम पद पर अशोक गहलोत के होने के बावजूद हर ऐसे निर्णय केन्द्र से तय होने के कारण उनकी छवि कमजोर हुई तो उपमुख्यमंत्री खेमा मजबूत दिख रहा है।
प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में दिख रही गुटबाजी, आपसी वर्चस्व की सरकार के अंदरजंग कहीं न कहीं पार्टी की परफोरमेंस खराब कर सकती है इसका अंदेशा कार्यकर्ताओं को है जिन कार्यकर्ताओं जी जान लगाकर इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा की अब वो सरकार में वर्चस्व की जंग के कारण आम जनता के काम नहीं करवा पा रहे है। मुख्यमंत्री पूरी तरह खुलकर काम नहीं कर पा रहे है ऐसे में दवाब की राजनीति का कही न कही कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है।

खुलकर काम करने वाले में से है गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुलकर काम करने वालों में से है। उनकी अनुभविता, सत्ता में न रहने से पहले सार्वजनिक राजनीतिक जीवन का लंबा अनुभव, संगठन में निचले पायेदान से ऊपर तक सीढ़ी दर सीढ़ी पहुचने का सफर, उनका गांधीवादी चिंतन और दर्शन उनको ओर जनप्रतिनिधियों से उनका अलग कैडर दिखता है। गहलोत ने जहां भी काम किया अपनी पूरे आत्मविश्वास के साथ आलकमान को पूरा करके दिखाया। इससे पहले दो बार वह प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे तो उनके कार्यकाल में कोई दूसरा पॉवर सेंटर नहीं रहा और मुख्यमंत्री बनने से पहले केन्द्र में वह बेहद महत्वपूर्ण पद  संगठक महासचिव बने और अब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया है लेकिन इसके बाद तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अब राज्य में सर्वोच्च पद पर एक और पॉवरसेंटर के कारण उनकी प्रशासनिक और राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित नही ंहो रही है बल्कि पूरी तरह बाधित हो रही है।
 सूत्रों की माने तो इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से खुलकर बात भी कहीं है। बीजेपी जमकर साध रही है निशाना: कभी बीजेपी पर कांग्रेस निशाना साधती रही कि प्रदेश में वसुंधरा राजे के आगे आलकमान की नहीं चल ती है। प्रदेश में दो पॉवर सेंटर है अब कांग्रेस की दशा उससे भी बदत्तर दिख रही है। बीजेपी इस मामले में कांग्रेस पर लगातार हमलावर बनी हुई है। पूर्व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि इस सरकार की स्थिति इतनी खराब है कि चतुर्थ क्षेणी कर्मचारी की नियुक्ति पर कोई विवाद हो जाए तो उसका निर्णय भी आलकमान करेगा ऐसे में यह सरकार प्रदेश को कैस सक्षम सरकार और अच्छा प्रशासन दे पाएंगी।