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मूछों वाले रामजी ,अद्भुत है

खबर - जयंत खांखरा 
अद्भुत है खेतड़ी का मूछों वाले श्री राम लक्ष्मण का बड़ा मंदिर
खेतड़ी -राम नवमी के उपलक्ष पर  पूरे देश में  श्री राम की  झांकी  व  पूजा पाठ कर लोग श्री राम का स्मरण करते हैं लेकिन शेखावाटी के खेतड़ी में स्थित श्री राम लक्ष्मण के मूछों वाले बड़े मंदिर में दर्शन करने का एक अलग ही अनुभव है।  जहां भी श्री राम का मंदिर है चाहे अयोध्या में ही क्यों ना हो रामलला के स्वरूप से खेतड़ी  के मूछों वाले श्री राम  का स्वरूप  दर्शनार्थियों को  अलग ही दिखाई पड़ता है  ।खेतड़ी को रजवाड़े के समय से ही 108 मंदिरों वाले मिनी काशी के रूप में भी जाना जाता है कस्बे मुख्य बाजार में श्री राम और लक्ष्मण की मूछों वाला बड़ा मंदिर है जो अपने आप में अद्भुत है। 
यह मंदिर रजवाड़े के समय में तत्कालीन राजा बख्तावर सिंह ने अपनी पत्नी रानी चूड़ावत के कहने पर बनाया था इसी मंदिर में रानी चुङावत ने कई वर्षों तक निवास किया स्वामी विवेकानंद भी राजा अजीत सिंह के निमंत्रण पर कई बार इस मंदिर में श्री राम के मूछों वाले स्वरूप के दर्शन कर चुके हैं ग्रामीण भी यहां रोज इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर खेतड़ी में स्थित सैकड़ों मंदिरों में से सबसे बड़ा व विशाल है इस मंदिर की बनावट पुराने महल लुमा कलाकृति से बनाई गई है मंदिर में ऊपर चढ़ने के लिए दर्जनों सीढ़ियां हैं मंदिर के नीचे बड़े-बड़े कीर्तन हॉल है, घुङशाला भी है ।मंदिर परकोटे में कई दुकानें भी हैं। मंदिर का एक छोटा दरवाजा पीछे की तरफ निकलता है जो ऐतिहासिक पन्ना सागर तालाब में खुलता है। ग्रामीणों ने बताया कि रजवाड़े के समय में जब रात्रि को खेतड़ी परकोटे का मुख्य द्वार जब बंद हो जाता था तब बाहर से आने वाले यात्री भी इस मंदिर में रुकते थे मंदिर में एक बहुत बड़ी रसोई भी है जिसमें उस समय खाने का प्रबंध किया जाता था। मंदिर प्रांगण में एक बहुत बड़ा कुआं भी है जिससे पानी की सुविधा भी मंदिर में ही की जाती थी। मंदिर में रानी चुंडावत का दरबार भी है जो तत्कालीन समय में रानी द्वारा प्रयोग में लिया जाता था।
खेतड़ी में है एक से बढ़कर एक मंदिर
खेतड़ी रियासत एक बहुत बड़ी रियासत मानी जाती थी कोटपूतली भी खेतड़ी रियासत का हिस्सा हुआ करता था उस समय खेतड़ी के राजाओं ने एक से बढ़कर एक मंदिर का निर्माण कस्बे में करवाया था सैकड़ों मंदिर होने के कारण खेतड़ी को मिनी काशी के रूप में भी जाना जाता है कस्बे के जय सिंह स्कूल के सामने स्थित गोविंद देव जी का मंदिर जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर के समकक्ष ही है। खेतड़ी नरेश ने एक साथ काले पाशान के पत्थर की दो मूर्तियां गोविंद देव जी की बनवाई थी जो एक खेतड़ी दूसरी जयपुर में स्थित है, इसके अलावा भोपालगढ़ में गोपीनाथ जी का मंदिर बी एक दार्शनिक स्थल है।
वर्तमान समय में मंदिर है देवस्थान विभाग के संरक्षण में
वर्तमान समय में यह मंदिर देवस्थान विभाग के संरक्षण में है इसके अलावा भी कस्बे में कई मंदिर है जो देवस्थान विभाग के अंडर में आते हैं । विभाग द्वारा  मंदिरों का रखरखाव पूजा पाठ  धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं  लेकिन रामनवमी के पर्व पर राजस्थान के श्री राम लक्ष्मण के मूछों वाला इस खास मंदिर हमें कोई विशेष कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता जबकि मात्र 10 कदम की दूरी पर श्री राम का एक और मंदिर जिसको रामायण सत्संग मंदिर के नाम से जाना जाता है रामनवमी पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन मंदिर की संस्था द्वारा किया जाता है जिसमें पूजा पाठ, झांकी, सवारी तथा प्रसाद वितरण किया जाता है।