खबर - प्रशांत गौड़
मेर इस्तीफे को किसी कारण से न जोड़ा जाए
कद्दावार नेता ने स्वीकारी हार की जिम्मेदारी
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले और कद्दावार नेता होने के साथ मंत्रीमंडल में केबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया ने जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पुनिया की हार के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। कटारिया ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यह बड़ा कदम उठाया है। कटारिया ने अपना इस्तीफा सीएम को सौंप दिया है
कांग्रेस में लालचंद कटारिया एक अनुभवी, मिलनसार और आम जनता से जुड़ा चेहरा है। कटारिया ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए जमीनी स्तर पर पूरे प्रयास किए लेकिन इसके बाद भी उनके बुथ क्षेत्र और झोटवाड़ा से कांग्रेस ने कमजोर परफोरमेंस किया इसके बाद अब कटारिया इस हार के से बेहद आहत है और उन्होंने भावुक मन से कहा है कि वह इस्तीफा देने जा रहे है।
उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे को किसी चीज से जोड़कर नहीं देखा जाए वह इमानदारी से विधानसभा में किसानों,आमजनता और विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं उठाने का काम पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करते रहेंगे। कटारिया जाट समाज के बड़े नेता भी है ऐसे में उनके इस्तीफा एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम जयपुर में सोमवार को देखने को मिल सकते है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में सीएम चेहरे के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा था कि प्रदेश में सीएम पद के कई चेहरे है इसमें सचिन पायलट, रघु शर्मा, लालचंद कटारिया,गिरिजा व्यास,महेश जोशी है। ऐसे में कांग्रेस सरकार के बड़े चेहरे के इस्तीफे के बाद हलचल तेज हो चुकी है।
अब हो सकते है और इस्तीफे
सूत्रों की माने कटारिया के इस्तीफे के बाद यह हलचल तेज है कि अपने क्षेत्र में 23 विधानसभा क्षेत्र और कई जगह अपने बूथ से भी कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए मंत्री इस्तीफा देंगे। कटारिया ने नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारते हुए इस्तीफा दिया। माना जा रहा है कि इसके बाद कांग्रेस में मंत्री पद से और इस्तीफे भी सामने आ सकते है।