जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा ने पेश की अनूठी मिसाल, गिफ्ट की बजाएं उपहार में देते हैं पेड़
झुंझुनूं। आज विश्व पर्यावरण दिवस है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर रैली, भाषण, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन एक परिवार के दो ऐसे शख्स है। जो भाषण,रैली की बजाए लोगों को पेड़ बांटकर पर्यावरण बचाने को संदेश दे रहे है। कहते हैं कि बाप की जब घर चलाने की उम्र खत्म होने लगती हैं तो उसका सहारा उसका पुत्र बन जाता हैं। लेकिन आज हम ऐसा उदाहरण पेश कर रहे हैं जो शख्स ना केवल घर का सहारा बना बल्कि पिता के पर्यावरण संरक्षण रूपी कार्य को भी बरकरार बना रखा है। हम बात कर रहे हैं शहर के रीको निवासी दिनेश सुंडा की। जिन्होंने पिता के बाद खुद पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल पेश की है। शादी, जन्म, सेवानिवृत्त आदि समारोह में जहां एक और लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करवा अपना फर्ज अदा कर रहे हैं। वहीं युवा दिनेश सुंडा अपनी उपस्थिति के साथ पेड़ गिफ्ट कर ना केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है बल्कि समाज में एक अनोखी मिसाल भी छोड़ रहा है।
पिता से मिली प्रेरणा, अब खुद लगवा रहे हैं पेड़
जिला परिषद सदस्य युवा दिनेश सुंडा ने बताया कि पिता सूरतसिंह सुंडा जो एक सरकारी शिक्षक थे। उन्होंने अपने शैक्षणिक कार्यकाल के दौरान करीब 15 हजार से अधिक पेड़ लगवाएं थे। जिनको शिक्षक रहते हुए पर्यावरण संरक्षण को जिला एवं राज्य स्तर पर लेकर कई अवार्ड मिल चुके है। शहीद जेपी जानूं स्कूल से सेवानिवृत्त होने के बाद पिता सूरतसिंह सुंडा के बाद दिनेश सुंडा ने पेड़ लगाने की अलख जगाने का कदम उठाया और आज विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों व स्थलों पर हजारों पेड़ लगवा चुके हैं।
गाड़ी में रखे रहते पेड़, जहां भी जाते हैं पेड़ करते हैं भेंट
पर्यावरण प्रेमी बने जिप सदस्य सुंडा आज भी अपनी गाड़ी के पीछे की सीटों पर पेड़ रखे रखते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी समारोह में जाना हो तो गाड़ी में रखें पेड़ भेंट कर देते हैं। जिले की कुल 301 पंचायतों में चाहे खेल उद्घाटन हो या फिर कोई अन्य कार्यक्रम सुंडा अपनी उपस्थिति में भी मानों पेड़ के साथ करते हैं और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते है। जिससे युवा पीढ़ी में भी बड़ा संदेश जा रहा है।