खबर - प्रशांत गौड़
जयपुर। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीखे हमले मोदी सरकार पार्ट -2 पर जारी है। गहलोत ने अब बेरोजगारी के रिपोर्ट पर मोदी सरकार के जारी रिकार्ड के बाद कहा है कि इन आकड़ों से सकार का झूठ पकड़ में आ चुका है। देश के युवाओं को मोदी सरकार ने भ्रमित किया है।
गहलोत ने ट्विीटर पर लिखा है कि यह कितनी विडंबना है कि सरकार ने सरकारी आंकड़ों को राजनीतिक लाभ के लिए खारिज कर दिया और सत्ता में आते ही उन्हें स्वीकार कर लिया। यह खुले रूप में देश के सामने उसी मानसिकता का प्रदर्शन है जिसे हम लगातार कहते आ रहे हैं कि ये लोग सत्ता प्राप्ति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। बेरोजगारी के बदतर हालातों की वास्तविकता को छुपाकर एनडीए गवर्नमेंट ने जानबूझकर देश के युवाओं को गुमराह किया। जन आकड़ों के आधार पर सभी डिपार्टमेंट्स की प्लानिंग होती है, एनएसएसओ के आंकड़ों के आधार पर केंद्र सरकार के तमाम विभागों की योजनाएं बनती हैं, उनको रोकने का अपराध किया जा रहा हैए मीडिया ने इसकी जमकर आलोचना की थी लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा।कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी सहित तमाम विपक्षी पार्टियां जो कह रही थीं वही सच निकला।
उस समय में बेरोजगारी के आंकड़ों को छुपाने को लेकर काफी सम्पादकीय लिखे गए, कटु आलोचना हुई कि इतिहास में पहली बार आंकड़े रोके जा रहे हैं।
बेरोजगारी के आंकड़ों पर विवाद के चलते राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के कार्यकारी चेयरमैन और सदस्य ने यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था कि आयोग से मंजूरी मिलने के बाद भी सरकार ने सर्वे अटका कर रखा और आंकड़े जारी नहीं किये। बल्कि शुक्रवार को आधिकारिक रूप से केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और पिछले 45 वर्ष में उच्चतम बेरोजगारी के आंकड़े जारी किये।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगातार यह मुद्दा उठाया था लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। देश में बेरोजगारी दर 45 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर होने की रोजगार से जुड़ी नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस एनएसएसओ की जो रिपोर्ट मीडिया में पहले लीक होकर आ गयी थी उसे एनडीए सरकार ने पूर्व में यह कहकर खारिज कर दिया था कि बेरोजगारी के आंकड़ों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।