निजी स्कूलों मे 1 जनवरी से मार्गदर्शन हेतु लगेगी कक्षाएं।
शिक्षा मंत्री डोटासरा के RTE पुनर्भरण न करने के बयान की भी की घोर निंदा ।
निजी स्कूल RTE पेमेंट न मिलने के कारण आर्थिक संकट मे।
अब दुखी होकर जाएंगे हाई कोर्ट।
नवलगढ़ -शहर के रूप निवास कोठी के पास स्थित भारती उच्च माध्यमिक विद्यालय नवलगढ़ में बुधवार को निजी शिक्षण संस्थान संघ का एक दिवसीय शैक्षिक अधिवेशन का आयोजन हुआ। निजी शिक्षण संस्थान संघ के अध्यक्ष सुरेश नेहरा की अध्यक्षता में हुए अधिवेशन में वर्तमान में निजी शिक्षण संस्था संचालक आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे , इस संकट के दौर से निजात पाने के लिए विचार विमर्श हेतु शैक्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया ।
जिसमें शिक्षा मंत्री के RTE का इस वर्ष भुगतान न करने के बयान की सर्व सम्मति से सभी संचालकों ने घोर निन्दा की।
शिक्षा मंत्री के वक्तव्य के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पास किया गया।
जहां एक ओर सभी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को बिना पढ़ाई,बिना छात्र स्कूल आए , बिना कार्य के ही करोड़ों रुपए वेतन दिए जा रहे है ,यहां दूसरी तरफ गरीब RTE विद्यार्थियों का पुनर्भरण नहीं करने का बयान देकर शिक्षा मंत्री डोटासरा ने गरीब छात्रों के साथ अन्याय किया है,जिसे कभी बरदाश्त नहीं किया जाएगा।
टैक्स पेयर के पैसों से जहां सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे पर ओसत 68000 रुपए वार्षिक खरच होता, वहीं निजी स्कूलों में RTE पर 2500 से 10000 रुपए तक ही वार्षिक खर्च होता है,फिर भी सरकार गरीब बच्चों के पुनर्भरण पर क्यों मना करती है।
सरकार की निजी और सरकारी स्कूलों के बीच किए जा रहे भेदभाव पूर्ण नीति की भी सभी वक्ताओं ने आलोचना की। लगातार 9 महीनों से बच्चों को स्कूल आने से रोका जा रहा है ,जहां सब कुछ खूल गया है तो फिर कोविड कोरोंना का नाम लेकर बच्चों को रोका जा रहा इसलिए नवलगढ़ निजी शिक्षण संस्थान संघ ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुवे 1 जनवरी से बड़ी कक्षाओं की मार्गदर्शन कक्षाओं के लिए निजी स्कूल खोले जाएंगे। काविड की गाइडेंस की पालना करते हुवे ,मास्क,सोशल डिस्टेंस,सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग ,सेनेटाइज सहित सभी सावधानी बरती जाएगी।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अपनी सरकारी स्कूलों के लिए स्कूल खोलने के लिए किसी भी बहाने से खुली छूट दे रखी है वहीं निजी स्कूलों पर स्कूल खोलने को लेकर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। इसी प्रकार सरकार निजी स्कूलों के साथ पोर्टल पर एडमिशन किए जाने को लेकर भी भेदभाव कर रही है, वही अपनी सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के एडमिशन के लिए पोर्टल खुला छोड़ रखा है ,जिसमें सरकारी स्कूल वाले विद्यार्थियों के एडमिशन कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि सरकार अगर किसी भी प्रकार का नियम लागू करती है तो उसमें निजी स्कूलों एवं सरकारी स्कूलों दोनों के लिए एक समान ही लागू करना चाहिए। अधिवेशन के दौरान निजी स्कूल संचालकों ने अपने निजी शिक्षण संस्थान संघ की ओर से सर्वसम्मति से आगामी 1 जनवरी से स्कूल खोलने का निर्णय लिया जिसमें बड़ी कक्षाओ की मार्गदर्शन कक्षाएं संचालित की जाएगी। कार्यक्रम में निजी स्कूल संचालकों ने कहा कि अगर सरकारी स्कूल खुलेगी तो प्राइवेट स्कूल भी खुलेगी ,नहीं तो सरकारी स्कूलों को भी बंद करना पड़ेगा। अधिवेशन में वक्ताओं ने बताया कि सभी स्कूलों को सरकारी नियमानुसार गत सत्र की पूरी फीस वसूलने का अधिकार है तथा नए सत्र 2020-21 मे 60% शिक्षण शुल्क ही लेवे।
सभी वक्ताओं ने पिछले कई सालों के RTE पुनर्भरण दिलाने की भी मांग रखी गई। कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष सुरेश नेहरा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार दायमा, सचिव अनिल शर्मा,उपाध्यक्ष राजकुमार सैनी,प्रदीप जांगिड़, संघ के पूर्व अध्यक्ष जिला परिषद सदस्य बीरबल सिंह गोदारा ,सुभाष बुगलिया, धर्मपाल बुगालिया ,अटल बिहारी सैनी ,
बाबूलाल सैनी, जगदीश प्रसाद सैनी ,कैलाश सैनी,,आदि ने संबोधित किया। भारती स्कूल के डायरेक्टर राजकुमार सैनी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में आलोक सैनी ,जमीर आरिफ, सुभाष महण ,सुनील शर्मा कपिल चौधरी, नरेंद्र सिंह ,सुल्तान सिंह, कैलाश चंद्र सैनी, छोटूराम ,विश्वजीत चतुर्वेदी ,रमाकांत दाधीच ,प्रहलादराय सैनी ,धर्मपाल जांगिड़ राजकुमार सैनी ,हजारी लाल यादव ,राकेश शर्मा विद्याधर गुर्जर, राजेंद्र सैनी,महेंद्र सिंह झाझर, बनवारीलाल ,संजय सोनी ,विक्रम सिंह, सांवर मल सैनी,मोहमद ताहिर,सुरेन्द्र सिंह,पूर्ण मल सैनी,घनश्याम टेलर ,पवन सैनी,सुनील शर्मा,संजय सैनी कपिल चौधरी, सचिन मान सहित सैकड़ों निजी स्कूल संचालकों की उपस्थिति रही।
अधिवेशन का सफल संचालन सचिव अनिल शर्मा ने किया।