सोमवार, 16 अगस्त 2021

आजादी के अमृत महोत्सव की बेला में, आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है- बी.एल.रणवा


(डी.पी.एस, डूण्डलोद में मनाई स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगाँठ)

डूण्डलोद पब्लिक स्कूल, डूण्डलोद के विधालय परिसर में आजादी की 75वीं वर्षगाँठ मनाई गई। इस अवसर पर सत्र 2019-20 एवं 2020-21 बोर्ड परीक्षा में कक्षा 10 व 12 विज्ञान एवं वाणिज्य वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओ के अभिभावक देवेश, अमीलाल चौधरी, विनोद ढ़ाका, विनिता शर्मा व संजुकता खांडल ने संयुक्त रुप से ध्वजारोहण किया। विद्यालय हर वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर कक्षा 12 व 10 में उच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी के माता पिता व गणतन्त्र दिवस पर स्पोर्टस में प्रतिभा हासिल करने वाले छात्र के माता-पिता को मुख्य अतिथी के रूप में आमंत्रित कर यह सम्मान देता है। 


कार्यक्रम के दौरान विधालय के अध्यापक अरिंदम, विप्लब, देवार्पिता एवं जीतूमणी ने युगल देशभक्ति गीत तथा दाऊदयाल शर्मा एवं ललित कुमार शर्मा ने एकल देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये। अध्यापक पंकज कुमार ने देशभक्ति से ओत-प्रोत एक मनमोहक व हृदय-विदारक कविता प्रस्तुत की।


सत्र 2019-20 में 12वीं बोर्ड परीक्षा विज्ञान वर्ग में छात्र हर्षित सांडिल्य, विजेन्द्र, रविन्द्र एवं वाणिज्य वर्ग में छात्रा निशा ढ़ाका 10वीं बोर्ड परीक्षा में छात्रा सारिका तथा सत्र 2020-21 में 12वीं वाणिज्य वर्ग में छात्रा नेहा शर्मा एवं 10वीं बोर्ड परीक्षा में निलिशा के सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर विधालय सचिव बी.एल रणवा एवं प्राचार्य जी. प्रकाश के द्वारा सम्मानित किया गया।


विधालय सचिव बी.एल.रणवा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्जवल होता है जब वह अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल-पल जुडा रहता है। भारत के पास गर्व करने के लिए समृद्ध ऐतिहासिक चेतना एवं सांस्कृतिक विरासत का अथाह भंडार हैं । अपनी इसी ऐतिहासिक सांस्कृतिक, राष्ट्रीय चेतना के साक्षी बनने के लिए आज हम आजादी के 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।


आजादी का अमृत महोत्सव अर्थात् आजादी की ऊर्जा का अमृत, नए विचारो तथा नए संकल्पो का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत। जैसे कहा है कि ‘‘आज नए भारत के समुद्र-मंथन में, जन-जन की भागीदारी हैं। आजादी के अमृत महोत्सव की बेला में, आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है।‘‘


प्राचार्य जी. प्रकाश ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हमें आत्मनिर्भर, स्वावलंबी, शक्तिशाली भारत के सपने को सच करते हुए अपनी कर्तव्य-परायण भावना का परिचय राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर करना चाहिए, ताकि हम इतने शक्तिशाली राष्ट्र के रुप में उभर सके ताकि भविष्य में कोई भी आसुरी शक्ति हमारे देश की ओर आँख उठाकर भी न देख सके। हमारे पूर्वजो ने जो हमें आजादी दी है, उसे हमें सुरक्षित रखना है तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहना है।


Share This