खबर - जितेंद्र वर्मा
बून्दी।
मकर संक्रांति के अवसर पर बून्दी में हर्ष उल्लास से पतंगे उड़ाई गई।
संक्रांति पर्व का धार्मिक महत्व होने के कारण लोगो ने मंदिरों में पूजन
किया और गायों को चारा डाला। महिलाओं ने घर घर जाकर सुहाग की वस्तुएँ और
तिल के लड्डू बांटे। सुबह 5 बजे से ही शुरू होने वाला पतंग महोत्सव जारी की
गई सुचना के अनुसार 8 बजे शुरू हुआ। युवाओ के झुण्ड छतों पर लाऊड स्पीकर
लगा कर पतंगबाजी के लिये जमा हुए। दिन भर लोगो ने जमकर पतंगबाजी की। बच्चे
बूढ़े और जवानों ने जम कर पतंगबाजी का लुफ्त उठाया। अलग है, वो काटा के शोर
से पूरा आसमान गूंजता रहा। रंगबिरंगी पतंगे तितलियों की तरह दिन भर आसमान
को रंगीन बनाए रही। महिलाओं ने भी जमकर पतंगे उड़ाई। आसमान से कट कर जाती
पतंगों को देखने में दिन भर लोग आकाश को ताकते रहे। छतों पर साउंड की धुनों
पर थिरकते युवाओ के झुण्ड लोगो को बरबस ही आकर्षित करते रहे। देर शाम तक
पतंगबाजी का दौर चला। बून्दी की प्रसिद्ध मकर संक्रांति देखने आस पास के
गांवों से और बाहर रह रहे लोग भी पतंग उड़ाने बून्दी पहुचे। सरकारी आदेश के
बाद भी चायनीज मांझे का अत्यधिक प्रयोग हुआ। शाम तक जहाँ तहाँ चायनीज मांझा
लटका नजर आया।
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