नवलगढ़: दी आनन्दीलाल पोदार ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था पोदार काॅलेज, नवलगढ़ के ‘‘गणित विभाग’’ में भारतीय महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् का जन्म दिन ‘‘राष्ट्रीय गणित दिवस’’ के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ पोदार शिक्षण संस्थाओं के शैक्षणिक निदेशक डाॅ. वी.एस. शुक्ला, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश सैनी, महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सत्येन्द्र सिंह, गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विद्याधर शर्मा व गणित विभाग के समस्त व्याख्याताओं द्वारा माँ सरस्वती व श्री रामानुजन की प्रतिमाओं के समक्ष द्विप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. विद्याधर शर्मा द्वारा श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। प्रो. शर्मा ने बताया कि ‘‘संख्या सिद्धांत’’ पर रामानुजन द्वारा अद्भुत कार्य केवल 32 वर्ष की आयु तक पूर्ण कर लिया गया इसलिए इन्हें संख्याओं का जादूगर भी कहा जाता है। इस अवसर पर शैक्षणिक निदेशक डाॅ. वी.एस. शुक्ला ने बताया की जाने न जाने में गणित का उपयोग करने वाले व गणित सीखने व सिखाने वाले सभी को रामानुजन के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। प्राचार्य डाॅ. सत्येन्द्र सिंह ने छात्र/छात्राओं को सम्बोधित कर गणित विषय की महता पर प्रकाश डाला व रसायनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. आर.के. शर्मा ने गणित विषय के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए छात्र/छात्राओं को प्रेरित किया। अन्त में सहायक व्याख्याता प्रो. महिपाल सिंह द्वारा गणित विभाग की ओर से सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के उपरांत राजस्थान गणित परिषद् द्वारा वार्षिक गणित प्रतियोगिता “CMTR – 2018” का आयोजन महाविद्यालय के गणित विभाग में किया गया, जिसमें पोदार महाविद्यालय के साथ-साथ आस-पास के महाविद्यालयों के कुल 111 छात्र/छात्राओं ने भाग लिया। “CMTR – 2018” परीक्षा के बाद समस्त छात्र/छात्राओं ने महाविद्यालय के पुस्तकालय तथा विज्ञान संकाय की समस्त प्रयोगषालाओं का भ्रमण कर इनकी प्रशंसा की। गणित दिवस के अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. विद्याधर शर्मा व सहायक व्याख्याता प्रो. महिपाल सिंह, प्रो. कविता सैनी, प्रो. दीपेश भारद्वाज, प्रो. बलवीर, प्रो. राकेष कुमार व प्रो. गौरव यादव उपस्थित रहे।
पोदार ट्रस्ट के चेयरमैन माननीय श्री कान्तिकुमार आर. पोदार एवं ट्रस्टी सुश्री वेदिका बाई जी पोदार ने समस्त छात्र/छात्राओं को अपनी ओर से शुभकामनाएँ प्रेषित की तथा महाविद्यालय में भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम सम्पन्न होते रहें, जिससे कि विद्यार्थी अपने ज्ञानत्व में अधिकाधिक वृद्धि कर महान् विभूतियों के जीवन से विषय संबंधित प्रेरणा लेते रहें।