Breaking News

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

गहलोत-पायलट की जोड़ी सरकार और संगठन में ऐसी ही करती रहेगी काम-पांडे


खबर - प्रशांत गौड़ 
पसीसी में में बैठक आयोजित, एकमतता के साथ प्रस्ताव, राहुल ही रहे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष 
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में हार के कारणों पर मंथन होने की बजाए बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने एकमतता से एक ही प्रस्ताव पारित किया जिसमें  राहुल गांधी की राष्ट्रीय अध्यक्षता में कांग्रेस को आगे बढ़ाने की संकल्पबद्धता दोहराई। पार्टी की राजस्थान इकाई के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि यह समय आपसी लड़ाई नहीं बल्कि एकजुटता के साथ साम्प्रदायिक ताकतों से लडऩे का है। संकट का समय है और कांग्रेस देश में लोकतंत्र को बचाने और आम जनता के लिए संघर्ष करती रहेगी। वहीं कार्यसमिति ने हार की सामूहिक जिम्मेदारी लेते हुए जनता के बीच जाकर उसकी सुनने की बात कही। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि जनता का जनादेश स्वीकार्य है। हार की जिम्मेदारी सब ने ली है। अब  लोगों को कांग्रेस पार्टी से जोडऩे के लिये राज्यव्यापी जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया जाएगा उन्होंने कहा कि कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में हार को स्वीकार किया है लेकिन यह पहला और अंतिम चुनाव नहीं है। कांग्रेस अब गांवों में, ढाणियों में, शहर कस्बों में तुरंत प्रभाव में जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के त्यागपत्र को स्वीकार नहीं करने के सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव को समर्थन देने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया गया है। हम सभी ने पार्टी अध्यक्ष से अपने पद पर बने रहने का आग्रह किया है और उन्हें संगठन में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिये अधिकृत किया है।
गहलोत-पायलट का फिलहाल बना रहेगा नेतृत्व :
इससे पहले एयरपोर्ट पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटीके अध्यक्ष सचिन पायलट को लेकर सामने आने वाले बात अफवाहे है। गहलोत के नेतृत्व में सरकार काम करती रहेगी। संगठन भी पायलट के नेतृत्व में आगे काम करता रहेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में सभी फैसले लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकृत किया गया है।
इस्तीफे को अस्वीकार करने का प्रस्ताव पारित :
मुख्य सचेतक महेश जोशी बैठक के बाद जानकारी दी कि कार्यकारिणी की बैठक राहुल गांधी के इस्तीफे को अस्वीकार करने के प्रस्ताव को पारित करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। जोशी ने कहा कि प्रदेश की सरकार कोई संकट नहीं है। राजस्थान के करोड़ों लोगों ने चुनकर भेजा है और जनमत से चुनी सरकार की अवहेलना केन्द्र की कोई सरकार नहीं कर सकती।

कार्यकर्ताओं को जमीनी तौर पर करना होगा काम :पांडे 
बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभारी अविनाश पांडे ने कार्यकर्ताओं को चुनाव में उनकी मेहनत के लिए बधाई देेते हुए कहा कि चुनाव कुछ खमियों से हारे है। कार्यकर्ताओं को अब जमीनी तौर पर काम करना होगा।

कांग्रेस विधायक मीणा को राज्य सरकार गिरने की आशंका 
कांग्रेस के  विधायक रामनारायण मीणा को राजस्थान में कांग्रेस सरकार के गिरने की आशंका है। उन्होने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने आपसी खींचतान बंद नहीं की तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तमाल करते हुए इस सरकार को बर्खास्त कर देंगे। हमे राहुल गांधी के हाथ मजबूत करने चाहिए। रामनारायण मीणा के इस बयान के बाद कांग्रेस में हलचल बढ़ चुकी है।
फिर भी सामने नहीं आए कटारिया
कांग्रेस की जयपुर में आयोजित हुई बैठक में भी कृषि मंत्रीलालचंद कटारिया शामिल नहीं हुए। उनके कथित इस्तीफा सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से वह गायब है। जहां उनके ईष्टमित्र उनको धार्मिक यात्रा पर बता रहे है तो उनके परिजन उनको हार से व्यथित बता रहे है वहीं राजनीतिक विश्लेषक इसको दवाब की राजनीति बता रहे है हालांकि इस पर बीजेपी नेता प्रतापसिंह सिंघवी ने गैर जिम्मेदारान बताते हुए कहा कि मंत्री को सामने आकर इस्तीफेकी पुष्टि करनी चाहिए। कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो चुका है।
राजस्थान में हार की जिम्मेदारी किसकी ?
सूत्रों की माने तो कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राजस्थान में हुई कांग्रेस की करारी हार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से पूछा है कि राजस्थान हार की जिम्मेदारी किसकी है।  सूत्रों की माने तो  अशोक गहलोत और पायलट ने इस बारे में अपनी-अपनी सफाई तो दे दी लेकिन प्रियंका उनके जवाब से असंतुष्ट बताई जा रही है। प्रियंका ने उनसे यह भी पूछा कि पंजाब में तीन साल से सत्ता होने के बावजूद पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन राजस्थान में सिर्फ पांच महीने की सरकार में ऐसा क्या बदल गयाए जो जनता ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को नहीं जिताया। प्रिंयका दोनों को राजस्थान में अब सबकुछ बेहतर करने के निर्देश दिए है। 
गहलोत को अब पूरी तरह फ्रीहैंड
सूत्रों की माने तो राजस्थान में बेहतर सरकार चलाने के लिए अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फ़िलहाल  फ्रीहैंड दे दिया है। संगठन में बड़े बदलाव पायलट कर सकते है और उसमें नई जान फूक सकते है वहीं सरकार जनता के बीच कैसे पहुंचे। मंत्रियों की जिम्मेदारी तय करने और बेहतर काम कराने के लिए अब राजस्थान में सरकार अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही आगे बढ़ती दिखेगी। दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से हुई बैठक के बाद इसके संकेत साफ दिए गए है।