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चूरू कलक्टर ने क्यों लिखा अभिभावकों को पत्र

खबर - जितेश सोनी 
खसरा-रूबेला से मुक्ति के लिए कलक्टर ने लिखा अभिभावकों को पत्र
चूरू। सूबे में 22 जुलाई से शुरू हो रहे खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान में शत-प्रतिशत बच्चों के कवरेज एवं अभियान में ज्यादा से ज्यादा जन-सहभागिता के लिए नवाचार करते हुए चूरू के जिला कलक्टर संदेश नायक ने अभिभावकों के नाम एक पत्र लिखा है। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा निजी व सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा ईमेल, वाट्सएप्प, फेसबुक आदि सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए यह पत्र समस्त लक्षित 6.74 लाख बच्चों के अभिभावकों को भेजा जाएगा।
पत्र में खसरा एवं रूबेला के लक्षणों, प्रभाव एवं टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी दी गई है। पत्र के माध्यम से जिला कलक्टर ने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए लिखा है कि खसरा एक जानलेवा एवं तीव्रगति से फैलने वाला अतिसंक्रामक रोग है। यह रोग प्रभावित रोगी द्वारा खांसने एवं छींकने से स्वस्थ बच्चों में फैलता है, जिसके प्रभाव से बच्चों में निमोनिया, दस्त एवं मस्तिष्क से संक्रमण जैसी घातक बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं तथा ये बीमारियां नवजात शिशुओं एवं बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। हर साल इससे 50 हजार बच्चे काल का ग्रास बन जाते हैं।
इसी प्रकार रूबेला वायरस से गर्भावस्था के प्रारंभ में महिला के संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है तथा गर्भपात एवं मृत बच्चे के जन्म की आशंका रहती है। यदि बच्चा जीवित जन्म ले लेता है तो वह जन्म से ही बहरापन, अंधापन एवं हृद्य की बीमारियों से ग्रसित होता है। जन्मजात रूबेला सिंड्रोम से लगभग 48 हजार बच्चे प्रभावित होते हैं। इन दोनों रोगों से बचाव के लिए एक सशक्त माध्यम खसरा-रूबेला टीका है। इसका टीकाकरण बचपन में ही करवा लिया जाए तो इसके प्रसार व गंभीर खतरों को रोका जा सकता है।
इन खतरों की रोकथाम के लिए 22 जुलाई से यह अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान के शुरुआती दो-तीन सप्ताह में सभी सरकारी व निजी विद्यालयों, मदरसों, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। उसके बाद दो सप्ताह तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के आउटरीच, बाह्य सत्रों पर स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, छूटे हुए बच्चों, ईंट-भट्टों, घुमंतू आबादी के बच्चों आदि का मोबाइल टीम द्वारा टीकाकरण किया जाएगा। अभियान के छठे सप्ताह में शेष, वंचित बच्चों का टीकाकरण करने के लिए इन गतिविधियों की आवश्यकता के अनुसार पुनरावृत्ति की जाएगी। जिला कलक्टर ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं अभिभावकों से इस अभियान के सफल एवं सुचारू क्रियान्वयन के लिए सक्रिय सहभागिता का अनुरोध किया है। जिला कलक्टर ने पत्र प्रत्येक अभिभावक तक पहुंचाने के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विकास अधिकारीगण, उपखंड अधिकारीगण, जिला शिक्षा अधिकारीगण, आईसीडीएस उपनिदेशक सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।