खबर - अमित तिवारी
चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर लाइव रहे राजा हसन, कहा— ऐसा समाज बनाएं जिसमें पुलिस को डंडा नहीं चलाना पड़े, चूरू पुलिस और फिल्मस्थान के अनूठे नवाचार को सराहा
चूरू । चूरू पुलिस,फिल्मस्थान और संप्रीति संस्थान की ओर से शनिवार को हुई ऑनलाइन लाइव श्रृंखला में बॉलीवुड सिंगर राजा हसन ने दर्शकों को अपनी पुरकशिश आवाज में भजन, गजल, कव्वाली, पंजाबी टप्पे, ठुमरी और बॉलीवुड गाने गाकर अभिभूत कर दिया।
उन्होंने चूरू एसपी तेजस्वनी गौतम एवं फिल्मस्थान की इस अनूठे नवाचार के लिए सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसा अनूठा प्रयोग देखा है। राजा हसन ने इस म्यूजिकल इवनिंग की शुरुआत 'जिंदगी हर कदम/ एक नई जंग है' गाकर की। म्यूजिकल सेशन की शुरुआत होते ही राजस्थानी लोकगीतों और धार्मिक भजनों की फरमाइश हुई। राजा हसन ने एक-एक करके फरमाइशों को पूरा किया लेकिन भजनों की बढ़ती फरमाइश को देख खुद भी जनता से सवाल कर बैठे कि क्या बात है, इन दिनों सभी ज्यादा धार्मिक हो चले हैं। कोरोना वायरस पर चुटकी लेते हुए राजा हसन ने कहा कि लगता है कोरोना काल ने सभी की धार्मिक आस्थाओं को ज्यादा जागृत कर दिया है। इस काल ने सभी को भक्त बना दिया। इसके बाद राजा हसन ने सूफी गीत और कव्वाली सुनाकर दाद पाई।
राजा हसन ने बड़े इत्मीनान और प्यार से एक-एक करके ऑनलाइन फरमाइश को पूरा किया। राजा हसन से सहज भाव से लोगों से संवाद किया और प्रस्तुतियां दीं। राजा हसन का रियाज और पक्की गायकी का असर उनकी आवाज में देखने को मिला। राजा हसन ने जनता से कहा कि सभी लोगों को चाहिए कि वह अपने—अपने तरीके से ईश्वर को मनाए कि हमें जल्द से जल्द इस कोरोना से निजात मिले।
उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे पुलिस के साथ रहें, पुलिस को अपना काम करने दें ।पुलिस को डंडा नहीं उठाना पड़े, हम ऐसा समाज बनाएं। पुलिसकर्मी चिलचिलाती धूप में कोरोना वायरस से जूझते हुए सड़क पर खड़े होते हैं, ऐसे में हमें उनकी परेशानियों को समझना चाहिए। यह हमारा फर्ज है कि हम पुलिस वालों सहित सभी कोरोना वारियर्स का सम्मान करें।
क्या-क्या सुनाया राजा हसन ने
जिंदगी हर कदम एक नई जंग है, केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देश, तू जो कर दी म्हारी तीतरी, माथै के ऊपर मुकुट विराजे रुणिचे रा थारी धरती पर मैं वारी जाऊं, बन्ना जब चाले धरती अंबर कांपवा लागे, थारो खोटो सिक्को बापू डॉलर बण चालन लागे, हो मैं करूं बारंबार विनती करणी माता, हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह, निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है, तेरी दीवानी, आज जाने की ज़िद ना करो, कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा, चल बुलिया उत्ते चलियां तेरे रंग रंग तेरे रंग रंग मौला तेरे रंग रंग तेरे संग संग।