महानिदेशक कारागार राजीव दासोत ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से वित्त पोषित इस ऑडियो-विजुअल नवाचार का फिल्मांकन हाल ही में जयपुर के केन्द्रीय कारागृह, महिला बंदी सुधार गृह तथा बंदी खुला शिविर, सांगानेर में हुआ है। इस फिल्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अभिनय करने वाले सभी पात्र जेल विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं बंदी है।
दासोत ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राजस्थान कारागार विभाग बंदियों के कल्याण, सुधार तथा पुनस्र्थापन की ओर कार्य कर रहा है। इस फिल्म में समाज का आह्वान किया गया है कि वह बंदियों को रिहाई के पश्चात् नवजात शिशु के रूप में स्वीकार कर उनके सुधार एवं पुनस्र्थापन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें।
इस फिल्म के निर्माण में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस मालिनी अग्रवाल, महानिरीक्षक पुलिस आलोक वशिष्ठ, महानिरीक्षक कारागार विक्रम सिंह कर्णावत, उप महानिरीक्षक कारागार रेंज जयपुर मोनिका अग्रवाल, अधीक्षक जेल जयपुर राकेश मोहन शर्मा, कारापाल सोहनी देवी तथा महिला बंदी सुधार गृह एवं केन्द्रीय कारागृह जयपुर के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।